नैनीताल जिले के रामनगर उपजिला चिकित्सालय में मृतक के शव को ई-रिक्शा से ले जाने के मामले में प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। तीन सदस्यीय समिति मामले की जांच कर 30 मई तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। इसके अलावा नैनीताल जिले के सीएमओ व अस्पताल के सीएमएस से जवाब तलब किया गया है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, किसी भी तरह की अमानवीय लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रामनगर उप जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज की मौत के बाद शव को ई-रिक्शा से मोर्चरी तक ले जाने का मामला सामने आया है। इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया। समिति में स्वास्थ्य निदेशक प्रशासन और स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं मंडल सदस्य होंगे। समिति को 30 मई तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य सचिव ने नैनीताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) और अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच में यह तथ्य सामने लाया जाए कि उप जिला चिकित्सालय में शव वाहन या एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं थीं। इस घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में यह सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में शव वाहन की उपलब्धता रहे और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। हमारी प्राथमिकता केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतिम यात्रा तक भी गरिमा बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।