अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को स्पष्ट चेतावनी दी कि शांति समझौते के तहत उन्हें अपने हथियार सौंपने होंगे। उन्होंने कहा वे हथियार सौंपेंगे क्योंकि उन्होंने खुद कहा है कि वे हथियार सौंपेंगे और अगर उन्होंने नहीं सौंपे, तो हम उन्हें जब्त कर लेंगे। ट्रंप ने कहा कि वह गाजा में बंधक बनाए गए मृत लोगों को वापस चाहते हैं।
ट्रंप ने इस्राइल के संसद के समक्ष भी यह बात दोहराई और कहा कि युद्धविराम सिर्फ संघर्ष का अंत नहीं बल्कि क्षेत्र में एक नया युग शुरू होने का संकेत है। उन्होंने कहा यह सिर्फ युद्ध का अंत नहीं है, यह आतंक और मौत के युग का अंत है और विश्वास, आशा और ईश्वर के युग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि इस्राइल ने सैन्य शक्ति के जरिए जितना संभव था, हासिल कर लिया है और अब यह जीत स्थायी शांति और समृद्धि में बदलनी होगी। ट्रंप ने गाजा में कैद से मुक्त हुए बंधकों का जिक्र करते हुए कहा कि दो साल की कठिनाई और अंधकार के बाद अब क्षेत्र में शांति लौट आई है।
मध्यपूर्व में सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने की नीति
ट्रंप ने क्षेत्रीय नेताओं से भी अपील की कि वे आतंकवाद, अतिवाद और नफरत को छोड़ दें और मिलकर काम करें। उन्होंने फिलिस्तीनियों से कहा कि अब उनका मौका है कि वे हिंसा और आतंक के मार्ग को छोड़कर अपने बच्चों के लिए बेहतर जीवन की दिशा में कदम बढ़ाएं। इस बयान के साथ ट्रंप ने अमेरिका की मध्यपूर्व में सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने की सख्त नीति को दोहराया और हमास को चेतावनी दी कि हथियार सौंपना ही अब उनका विकल्प है।
मृत बंधकों की धीमी वापसी से भड़का विवाद
इस्राइल में सोमवार को गाजा से लौटे 20 जीवित बंधकों के स्वागत में खुशी थी, लेकिन मृत बंधकों की वापसी की प्रक्रिया उम्मीद से धीमी रही। इस्राइली अधिकारियों ने बताया कि 28 में से अब तक केवल 4 शव ही लौटाए गए हैं। बंधक परिवार मंच ने कहा कि मृत बंधकों की धीमी वापसी युद्धविराम समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है। संगठन ने सरकार से इस मामले में सख्त रुख अपनाने की मांग की है। इस्राइल के शीर्ष बंधक वापसी समन्वयक गल हिर्श ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के जरिए दबाव बना रहे हैं ताकि सभी शव जल्द लौटाए जा सकें।








