उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां सहमति संबंध में रह रहे इंजीनियर की प्रेमिका ने गला रेतकर हत्या कर दी। बेटियों के साथ आरोपी महिला कई घंटे तक शव के साथ रही। इसके बाद खुद उसने पुलिस को इंजीनियर की हत्या की जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, इंजीनियर के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी महिला की दोनों नाबालिग बेटियों पर भी प्राथमिकी दर्ज की है। फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। साथ ही जांच शुरू कर दी है।
इंजीनियर की चाकू से गला रेतकर की हत्या
जानकीपुरम सेक्टर-एच निवासी नरेंद्र सिंह के इकलौते बेटे सूर्य प्रताप सिंह (32) एवरेडी कंपनी में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर थे। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि सूर्य प्रताप बीते चार वर्ष से रत्ना (46) नाम की महिला के साथ सलारगंज शिवम ग्रीन सिटी स्थित अपने दूसरे मकान में सहमति संबंध में रह रहे थे।
रत्ना और सूर्य के बीच हुआ था झगड़ा
पुलिस ने रत्ना को किया गिरफ्तार
पिता ने लगाया… मकान हड़पने की साजिश का आरोप
मूल रूप से देवरिया के भुलवाली मरकड़ा के परसिया भीखम गांव निवासी पिता नरेंद्र का आरोप है कि मकान हड़पने की नीयत से रत्ना ने बेटियों के साथ मिलकर उनके बेटे की हत्या की है।
सूर्यप्रताप की हत्या से मची चीख-पुकार
उधर, देवरिया के बरहज इलाके के परसियां भीखम गांव निवासी सूर्यप्रताप सिंह (35) की प्रेमिका द्वारा लखनऊ में चाकू से गोदकर हत्या करने का मामला सामने आया है। जिसकी जानकारी होने पर गांव में सन्नाटा पसर गया। उनकी हत्या को लेकर गांव के लोग हतप्रभ हैं।
परसियां भीखम गांव निवासी सूर्यप्रताप सिंह के लखनऊ में हत्या होने की जानकारी होने पर गांव रह रहे चाचा नेऊर सिंह के परिवार में चीख-पुकार मच गई। दरवाजे पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। बताया जा रहा है कि नरेंद्र सिंह लखनऊ के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में वैन चलाते हैं।
लंबे समय से उनका पूरा परिवार लखनऊ रहता है। लोगों के अनुसार नरेंद्र सिंह के तीन पुत्रियां और एक पुत्र सूर्यप्रताप सिंह हैं। वह बीटेक की पढ़ाई कर एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर थे।
सूर्यप्रताप परिवार के लोगों से अलग एक महिला के साथ रहते थे। वह विगत तीन वर्ष पूर्व महिला के घर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए आते-जाते थे।
करीब पांच घंटे शव के साथ रहीं मां-बेटियां
हत्या के बाद रत्ना और उसकी दोनों बेटियां पौन पांच घंटे तक घर में ही मौजूद रहीं। न भागने का प्रयास किया और न ही किसी को कुछ बताया। सुबह 9:45 बजे रत्ना ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर हत्या की सूचना दी।
मैंने ही सूर्य का कत्ल किया
इंस्पेक्टर बीबीडी राम सिंह ने फौरन ग्राम प्रधान राम मनोहर यादव से संपर्क किया। घटना की पुष्टि के लिए ग्राम प्रधान घर पहुंचे तो रत्ना ने साफ कहा कि उसने ही कत्ल किया है।







