संभल हिंसा:  ‘मैं सांसद हूं.. जांच में हर संभव सहयोग करूंगा’, थाने पहुंचे जियाउर्रहमान बर्क, SIT के सवालों का देंगे जवाब

Spread the love

 

माजवादी पार्टी के सांसद जियाउररहमान बर्क मंगलवार को संभल हिंसा मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) के समक्ष पेश होने के लिए नखासा थाने पहुंचे। इस मामले में उन्हें बयान के लिए समन भेजा गया था। एएसपी श्रीशचंद और सीओ कुलदीप सिंह उनसे पूछताछ कर रहे हैं।

कई अधिवक्ताओं के साथ सांसद मंगलवार की सुबह 11.15 बजे थाने पहुंचे।  पेशी से पहले सांसद ने कानून और संविधान में विश्वास जताते हुए जांच में पूरा सहयोग देने की बात कही है। सांसद ने कहा कि मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं।

न्यायपालिका पर मेरा भरोसा है। आज तबीयत ठीक नहीं है और डॉक्टर ने आराम की सलाह दी है। बावजूद मैं एसआईटी के सामने पेश हो रहा हूं ताकि पुलिस-प्रशासन को यह न लगे कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा। पेशी से पहले उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान दिया कि वह कानून और संविधान में पूर्ण विश्वास रखते हैं और जांच में हर संभव सहयोग करेंगे।

गौरतलब है कि संभल में हुई हिंसा को लेकर एसआईटी जांच कर रही है। मामले में कई लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। इसी कड़ी में सांसद बर्क को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है।  सांसद के बयान दर्ज कराने को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।

एसआईटी ने सांसद को उनके दिल्ली स्थित आवास पर बीएनएसएस की धारा 35 के तहत नोटिस तामील कराया था। जिसमें सांसद ने आठ अप्रैल को बयान दर्ज कराने का समय दिया था। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शहर में लगातार चौकसी बरती जा रही है।

और पढ़े  अयोध्या- कश्मीर के पहलगाम की इस आतंकी हमले ने मानवता को किया शर्मसार- प्रेममूर्ति कृष्णकांत दास

जो पहले से सुरक्षा के इंतजाम है वहीं रहेंगे। एसपी ने बताया कि सांसद से विवेचक द्वारा जांच में सहयोग मांगा जा रहा है। जिससे जांच को जल्दी पूरी किया जा सके और चार्जशीट को न्यायालय में दाखिल किया जा सके।

 

भड़काऊ भाषण देने और बवाल की साजिश रचने का है सांसद पर आरोप
24 नवंबर को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल में मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद करते हुए 800 आरोपी अज्ञात बनाए गए थे। सांसद ने दो दिन पहले 22 नवंबर को भड़काऊ भाषण दिया था।

जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट ने एसआईटी को दिए अपने बयान में बताया है कि सांसद ने भीड़ एकत्र करने के लिए कहा था। सर्वे नहीं होने की बात कही थी। इसको भी विवेचक ने जांच में शामिल किया है। सांसद की मुश्किलें जामा मस्जिद कमेटी के सदर द्वारा दिए गए बयान के बाद बढ़ी हैं। इन्हीं आरोप से जुड़े सवाल एसआईटी द्वारा किए जाने हैं।


Spread the love
error: Content is protected !!