हल्द्वानी नगर निगम के पर्यावरण मित्र खुद के बजाय लोगों को किराये पर रख सफाई कार्य करा रहे हैं। अच्छा वेतन लेने वाले ऐसे कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। मामले में मेयर ने वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं।
मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने शुक्रवार को नगर निगम के कर्मचारियों की मांग पर सभागार में बैठक बुलाई थी। इस दौरान मेयर और नगर आयुक्त परितोष वर्मा ने नगर निकाय कर्मचारी महासंघ, उत्तरांचल स्वच्छकार कर्मचारी संघ, देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ व अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ से जुड़े कर्मचारियों की समस्याएं सुनीं। मेयर ने कहा कि जो मांगें स्थानीय स्तर की हैं उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा जबकि शेष के निराकरण को शासन स्तर पर भेजा जाएगा। बैठक में वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मनोज कांडपाल, लेखाधिकारी गणेश भट्ट, ओएस गिरीश भट्ट आदि मौजूद रहे।
यह मांगें उठाईं
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- जिन चतुर्थ श्रेणी कर्मियों से कर समाहर्ता व कनिष्ठ सहायक का काम लिया जा रहा है उन्हें पदोन्नति दी जाए। कर्मचारियों की कमी आउटसोर्स के माध्यम से दूर की जाए। कर्मियों को गोल्डन कार्ड के लाभ मिले।
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- बैंक कैशियर के लिए वाहन की व्यवस्था हो। स्थायी व अस्थायी सफाई कर्मियों को शैक्षिक योग्यता के अनुसार पर्यावरण पर्यवेक्षक के पद पर भर्ती मिले। नए वार्डाें में पर्यावरण मित्रों की भर्ती की जाए।
- अस्थायी कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी के एरियर का भुगतान किया जाए। दो साल पहले दंगे में जिन कर्मचारियों के वाहन जल गए उन्हें मुआवजा मिले। इसके अलावा एसीपी का लाभ देने, मृतक आश्रितों को नियमित करने आदि मांगें उठाईं।
31 दिसंबर तक करा लें सीवर सफाई टैंकरों का पंजीकरण वरना होगी कार्रवाई
हल्द्वानी नगर निगम से लाइसेंस न लेने वाले सीवर सफाई टैंकर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मलयुक्त गाद प्रबंधन यानि फीकल स्लज एंड सेपटेज मैनेजमेंट के तहत 31 दिसंबर तक टैंकरों का पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के लिए वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है। नगर आयुक्त परितोष वर्मा ने बताया कि योजना के अनुसार मल-अपशिष्ट को ट्रीटमेंट प्लांट के पास तय स्थान तक पहुंचाना होगा। ऐसे वाहनों पर जीपीएस लगाया जाएगा ताकि पता चल सके कि सीवर कहां फेंका जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजीकरण न कराने वाले वाहनों को सीज भी किया जाएगा। गौरतलब है कि शहर में 50 से अधिक सीवर टैंकर चल रहे हैं। पंजीकरण कराने के बाद इनका शुल्क तय किया जाएगा।







