गौला नदी में प्रोटेक्शन कार्य को लेकर सिंचाई विभाग, एनएचएआई, वन विभाग और रेलवे में तालमेल नहीं होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। बुधवार को केंद्रीय सड़क और परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा को विभागों में तनातनी की भनक लगी तो उन्होंने सभी विभागों को सामंजस्य बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने एनएचएआई के अधिकारियों से कहा कि तीन से चार दिनों में गौला पुल को हल्के वाहनों के लिए खोला जाए। हल्के वाहनों चलने से बड़ी आबादी को फायदा पहुंचेगा।
14 सितंबर को गौला नदी में आई आपदा से पुल की एप्रोच रोड बह गई और गौला पुल आवागमन के लिए बंद हो गया। एप्रोच रोड पर मलबा भरने के लिए एनएचएआई ने वन विभाग से खनन की परमिशन मांगी थी। आरोप था कि वन विभाग ने कई दिनों तक खनन की परमिशन नहीं दी। वहीं वन विभाग ने अस्थायी रास्ता बनाने की सूचना सिंचाई विभाग को नहीं दी। सिंचाई विभाग ने बैराज से पानी छोड़ा तो अस्थायी सड़क को नुकसान हो गया। बुधवार को केंद्रीय सड़क और परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा नगर निगम में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने गौला पुल का निरीक्षण भी किया। विभागों में समन्वय न होने की सूचना पर मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने गौला पुल को आपदा से बचाने के लिए सभी विभागों से एकजुट होकर कार्य करने की नसीहत दी। कहा, रेलवे, वन विभाग, सिंचाई, एनएचएआई आदि विभाग अपनी डीपीआर एक-दूसरे से साझा करें।
विशेषज्ञ बोले-एक हफ्ते में खुलेगा गौला पुल
एनएचएआई ने बृहस्पतिवार से सभी वाहनों के लिए गौला पुल खोलने का दावा किया था। बुधवार को पुल के बायीं ओर कुछ हिस्सों में मलबा नहीं भर पाया, इस वजह से बृहस्पतिवार से गौला पुल आवाजाही के लिए नहीं खुलेगा। विशेषज्ञों ने पुल शुरू होने में एक सप्ताह का समय बताया।