
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के 10 दिवसीय 87वें जन्मोत्सव का भव्य उद्घाटन रविवार को हुआ। पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने उद्घाटन के बाद कहा कि राम मंदिर निर्माण से 500 वर्ष की पीड़ा का हरण हुआ है। एकता और सौहार्द के प्रतीक के रूप में राम मंदिर सदियों तक जाना जाएगा।
कहा कि महंत नृत्यगोपाल दास का राम मंदिर के प्रणेता के रूप में मुख्य स्थान है। आज अयोध्या की ओर पूरी दुनिया आकर्षित है। 500 साल बाद यह दिन आया है। यह सब प्रभु श्रीराम ने ही कराया है। राम मंदिर सनातन शक्ति के प्रतीक के रूप में हिंदुत्व के भाव को मजबूत करने का अवसर सदियों तक प्रदान करेगा। साधु-संतों के त्याग का यह परिणाम है कि हम सभी राम मंदिर निर्माण के साक्षी बन पा रहे हैं। कहा कि जहां संत है वहां दुखों का अंत है। जहां संतों की चलती है वहां शांति, समृद्धि का वास होता है। महंत नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव के साक्षी बने नेपाल से भी हजारों लोग आए हैं, यह भारत और नेपाल के मधुर संबंधों का प्रतीक है।
अध्यक्षता कर रहे नेपाल से आए जगद्गुरु कृष्णाचार्य ने कहा कि भारत और नेपाल का संबंध सदियों पुराना है। माता जानकी के मायके से हजारों लोग जन्मोत्सव समारोह में पहुंचे हैं। सभी ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। जगद्गुरु ज्ञानानंद तीर्थ ने कहा कि महंत नृत्यगोपाल दास की सेवा, साधुता, और भजन का प्रताप वर्तमान पीढ़ी की प्रेरणा का पुंज है। इससे पूर्व कमला सिंह राजूपत ने व्यास पीठ की पूजा कर श्रीराम कथा का शुभारंभ किया। महंत डॉ. रामानंद दास नौ दिनों तक रामकथा की सुधावृष्टि करेंगे।
कार्यक्रम में चुनिंदा संतों एवं विशिष्ट विभूतियों ने महंत नृत्यगोपाल दास के वैशष्टिय का मर्म उद्घाटित किया। उन्हें त्याग, तपस्या, सेवा, साधना की प्रतिमूर्ति बताया। संचालन आचार्य राधेश्याम शास्त्री ने किया। समारोह को अधिकारी राजकुमार दास, पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव, महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।
मणिरामदास की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने अतिथियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में पूर्व सांसद लल्लू सिंह, महंत सुतीक्ष्ण दास, महंत विमल दास, महंत महेंद्र दास, डॉ. सुनीता शास्त्री, विहिप के शरद शर्मा, भाजपा नेता आकाश मणि त्रिपाठी समेत बड़ी संख्या में संत व भक्त मौजूद रहे।