शाहजहांपुर
जेल में बंदियों का मनोबल बढ़ाने, उन में पल रहे तनाव को कम करने एवं मनोरंजन के लिए प्रसिद्ध अभिनेता एवं मूल रूप से शाहजहांपुर में जन्मे पले बड़े श्री राजपाल यादव का कार्यक्रम आयोजित किया गया। उनके आगमन पर सर्वप्रथम जेल अधीक्षक मिजाजी लाल के द्वारा उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया । उनके द्वारा सरस्वती मां को पुष्प माला तथा द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
जेल अधीक्षक मिजाजी लाल द्वारा स्टेज पर उन्हें शाल उड़ाकर एवं राधा कृष्ण की सुंदर प्रतिमा सम्मानित किया गया। जेल के सभी अधिकारियों के द्वारा भी उन्हें पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष (नि) श्री अजय यादव, अपर जिला मजिस्ट्रेट वित्त एवं राजस्व श्री सुरेश कुमार क्षेत्राधिकारी नगर ज्योति यादव उपाधीक्षक पुलिस इशिका सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर एवं श्री राजपाल यादव का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम में महानगर अध्यक्ष श्रीमती शिल्पी गुप्ता के द्वारा श्री राजपाल यादव को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में बैंक ऑफ बड़ौदा के पदाधिकारियों द्वारा भी श्री राजपाल यादव को पुष्प गुच्छ व मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में आमंत्रित विशिष्ट अतिथि गणों में प्रसिद्ध व्यवसायी अशोक अग्रवाल विनोद सर्राफ, कुलदीप सिंह दुआ, प्रसिद्ध कवि इंदू भूषण पांडे द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।इन सभी अतिथियों द्वारा भी श्री राजपाल यादव का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर विभिन्न सोशल व व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा सूक्ष्म सूचना पर पधार कर कार्यक्रम को कामयाब बनाया।
सभी के साथ प्रसिद्ध अभिनेता ने फोटो शूट करवाया।
श्री राजपाल यादव के द्वारा इस अवसर पर आयुर्वेदिक वाटिका में पारिजात का पौधा भी रोपित किया गया।
अभिनेता द्वारा अबतक 200 से अधिक फिल्मों में काम किया है।उनकी अगली फिल्म भूल-भुलैया रिलीज होने वाली है।तथा दो अन्य फिल्में भी दिसंबर व जनवरी में रिलीज होगी।
बंदियों द्वारा उनके स्वागत में स्वागत गान भी गाया।
श्री राजपाल यादव द्वारा अपने सम्बोधन में बंदियों को अनेक सारगर्भित बातें कही जो उनके जीवन को आमूलचूल बदल सकती हैं।
उनके द्वारा अवगत कराया गया कि वह कारागार के पास ही राजकीय इंटर कॉलेज में पड़े हैं तथा यही की मिट्टी में पले बड़े हुए हैं। उन्होंने 35 वर्ष पहले शाहजहांपुर छोड़ दिया था और मुंबई में रहने लगे लेकिन दीपावली और होली का त्यौहार अपने गांव में ही अपने मां-बाप के साथ मनाते हैं और यहां की मिट्टी को सलाम करने आते हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी मैं जेल की दीवारों के पास बाहर से गुजरता था तो मुझे बहुत डर लगता था लेकिन आज जेल के अंदर जाकर इतना सुकून और खुशी महसूस कर रहा हूं की जेल के अंदर भी इतना सुंदर हरा भरा और सकारात्मक तरंगों भरा वातावरण हो सकता है जिसकी मैं कल्पना भी नहीं की यहां के जेल अधीक्षक मिजाजीलाल कि मैं जनपद में प्रशंसा तो बहुत सुनी थी किंतु उनका व्यवहार और जेल के अंदर का वातावरण देखकर के मुझे अलग ही अनुभूति हो रही है उनके सानिध्य में रहकर सभी बंदी अपना आंतरिक परिमार्जन करें और एक नया इंसान बनकर यहां से बाहर जाएं।
उनके द्वारा जिंदगी में हर स्तर पर समझौता बादी दृष्टिकोण अपने पर विशेष जोर दिया और कहा कि और कहा कि यदि आप जिंदगी में समझौता करना सीख जाए तो आपको जिंदगी में कभी दुख हो ही नहीं सकता। अपने जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में क्या कब क्यों कैसे और कौन इसकी पड़ताल करने के उपरांत ही निर्णय करना चाहिए।
उन्होंने अपनी अनेक पुरानी फिल्मों के डायलॉग बंदियों को सुना कर खूब मनोरंजन किया और उनके द्वारा खूब तालियां बटोरी गई। जैसे -अपनी फिल्म चुप-चुप के का डायलॉग “मैं कोई मंदिर का घंटा हूं जिसे एक के बाद एक बजते ही जा रहे हो”और” अर्ध”फिल्म का डायलॉग”मैं अगर जिंदा हूं तो मुझे जिंदा रखा गया है अपने सपनों को पूरा करने के लिए”
कार्यक्रम के अंत में जेल अधीक्षक मिजाजी लाल के द्वारा श्री राजपाल यादव एवं सभी आमंत्रित जनपद स्तरीय अधिकारियों एवं गढ़ मान्य अतिथि गणों का आभार और धन्यवाद व्यापित किया