आर्थिक तंगी से जूझ रहे पड़ोसी देश श्रीलंका में आज मध्यरात्रि यानी 12 बजे (7 मई) से आपातकाल लगाने का एलान कर दिया गया है। यह जानकारी श्रीलंका की मीडिया ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के मीडिया डिवीजन के हवाले से दी। गौरतलब है कि श्रीलंका में हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं, जिसके चलते लगातार विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
श्रीलंका में देशव्यापी हड़ताल के बीच विद्यार्थियों ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने पद नहीं छोड़ा तो वे संसद का घेराव करेंगे। इंटर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट फेडरेशन (आईयूएसएफ) ने संसद तक जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया है और वहां लगातार प्रदर्शन कर रही है। पुलिस ने विद्यार्थियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
लगातार जारी है देशव्यापी हड़ताल
इससे पूर्व, श्रीलंका में आर्थिक संकट से निपटने में नाकाम रहे राष्ट्रपति और सरकार के इस्तीफे की मांग लेकर देश के व्यापार संघ देशव्यापी हड़ताल पर रहे। स्वास्थ्य, डाक, बंदरगाह और अन्य सरकारी सेवाओं से जुड़े ज्यादातर व्यापार संघ हड़ताल में शामिल हैं। हालांकि सत्तारूढ़ दल के समर्थक कई व्यापार संघ इसमें शामिल नहीं हैं। श्रीलंका में इस समय व्यापार गतिविधियां ठप पड़ी हैं और उन स्थानों पर भी सड़कें सूनी दिखती हैं, जहां आम तौर पर काफी भीड़भाड़ देखी जाती थी। ‘जॉइंट ट्रेड यूनियन एक्शन ग्रुप’ के रवि कुमुदेश ने कहा, 2000 से अधिक व्यापार संघ हड़ताल में शामिल हैं। हालांकि, आपात सेवाएं जारीह हैं। वहीं, शिक्षक संघ के महिंदा जयसिंघे ने कहा कि स्कूल के शिक्षक व प्रधानाध्यापक भी आज की हड़ताल में शामिल हैं।