नाश और फिर लाश: बॉडी बनाने के नाम पर नशे का कारोबार, जिम और हाईवे बने इंजेक्शन सप्लाई के अड्डे

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रियाणा के पलवल जिले में नशीले इंजेक्शनों का जाल अब केवल अपराध की खबर नहीं रहा, बल्कि यह एक खतरनाक सोशल ट्रेंड बनता जा रहा है, जिसकी चपेट में सबसे ज्यादा जिम जाने वाले युवा और हाईवे से जुड़े लोग आ रहे हैं। मसल्स बनाने, ताकत बढ़ाने और तुरंत रिजल्ट की चाह ने युवाओं को उस रास्ते पर धकेल दिया है, जहां फिटनेस के नाम पर नशा परोसा जा रहा है। इस पूरे नेटवर्क की ताजा कड़ी 25 दिसंबर की रात सामने आई, जब एनएच-19 पर करमन बॉर्डर से पहले पुलिस ने 600 नशीले इंजेक्शन के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया। यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं थी, बल्कि उस सच्चाई का खुलासा थी कि कैसे जिम, हाईवे और बॉर्डर एरिया इस नशे की सप्लाई लाइन बन चुके हैं।

 

ट्रक ड्राइवरों और जिम वालों को होनी थी सप्लाई
एसपी पलवल वरुण सिंगला के निर्देशन में चल रहे ऑपरेशन हॉटस्पॉट डोमिनेशन के तहत एंटी नारकोटिक्स सेल को सूचना मिली थी कि मथुरा निवासी रामसिंह भारी मात्रा में नशीले इंजेक्शन लेकर करमन बॉर्डर के पास खड़ा है। एएसआई सिराजुद्दीन के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में आरोपी के बैग से 60 पैकेटों में भरे 600 प्रतिबंधित इंजेक्शन बरामद किए गए। पूछताछ में सामने आया कि यह सप्लाई ट्रक चालकों और जिम जाने वाले युवाओं को की जानी थी।

 

लगातार तीसरे दिन हुई कार्रवाई
गौरतलब है कि इससे पहले भी 22 दिसंबर को एंटी नारकोटिक्स सेल ने भुलवाना गांव के पास 300 से ज्यादा नशीले इंजेक्शन के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। लगातार तीन दिन के भीतर हुई इन कार्रवाइयों ने साफ कर दिया है कि पलवल में नशीले इंजेक्शन की सप्लाई किसी एक घटना नहीं, बल्कि संगठित और सक्रिय नेटवर्क का हिस्सा है।

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जिम क्यों बन रहे हैं नशे का नया टारगेट
पुलिस और जांच एजेंसियों के मुताबिक, आज के युवाओं में जल्दी बॉडी बनाने और स्टेरॉयड जैसे असर की चाह ने इंजेक्शन नशे को बढ़ावा दिया है। कई जिमों के बाहर या आसपास यह इंजेक्शन एनर्जी, रिकवरी और पावर के नाम पर बेचे जा रहे हैं। कम कीमत, छोटा साइज और तुरंत असर, यही कारण है कि युवा इसकी ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।

इंजेक्शन नशे से किडनी फेलियर, लिवर डैमेज, हार्ट अटैक के खतरनाक नुकसान
चिकित्सकों के अनुसार, ऐसे नशीले इंजेक्शन किडनी फेलियर, लिवर डैमेज, हार्ट अटैक, मानसिक अवसाद और स्थायी लत का कारण बन सकते हैं। कई मामलों में युवाओं का पूरा करियर और स्वास्थ्य बर्बाद हो चुका है, लेकिन इसका जाल लगातार फैलता जा रहा है।

आंकड़े जो डराते हैं
पिछले डेढ़ साल में जिले में नशीले इंजेक्शनों की जो बरामदगी हुई, वह इसकी गहराई को उजागर करती है
जनवरी 2025 में गुरुग्राम स्थित बायोटिक वेस्ट लिमिटेड में 389 इंजेक्शन नष्ट किए गए
जुलाई 2024 में गांव घुघेरा से 14 इंजेक्शन
मई और जून 2025 में एनएच-19 क्षेत्र से 31-31 इंजेक्शन
जुलाई 2025 में अलग-अलग स्थानों से 30, 60 और 93 इंजेक्शन
अगस्त 2025 में 16 इंजेक्शन
अक्तूबर 2025 में ब्यूप्रेनॉर्फिन, डायजेपाम, एवील जैसे इंजेक्शन
दिसंबर 2025 में 320 और 612 इंजेक्शन की बड़ी खेप
इन सभी को जोड़ें तो जिले में अब तक 2200 से ज्यादा नशीले और प्रतिबंधित इंजेक्शन पकड़े जा चुके हैं।

युवाओं की ओर बढ़ता खतरा
यह आंकड़े साफ बताते हैं कि नशीले इंजेक्शन अब चोरी-छिपे नहीं, बल्कि संगठित सप्लाई चैन के जरिए जिले में फैल रहे हैं। हाईवे, बॉर्डर एरिया, औद्योगिक क्षेत्र और जिम, हर जगह इसकी पहुंच बन चुकी है। पुलिस का कहना है कि यह नशा युवाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। क्योंकि यह सस्ता, छिपाने में आसान और तुरंत असर दिखाने वाला है।

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किसी को बख्शा नहीं जाएगा
ऑपरेशन हॉटस्पॉट डोमिनेशन के तहत इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने की कार्रवाई जारी है। 600 इंजेक्शनों की ताजा बरामदगी इस बात का संकेत है नशे के खिलाफ हम लगातार छापेमारी व गिरफ्तारी कर रहें है, नशा तस्करी के मुख्य स्त्रोत का पता लगाने हेतु आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। नशा नेटवर्क से जुड़े किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। -एसपी पलवल वरुण सिंगला


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