
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
दिल्ली बाहरी जिला के डीसीपी समीर शर्मा ने बताया कि हमने उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। जिन्होंने भी कुछ गलत किया है या नियम फॉलो नहीं किए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम उचित कार्रवाई करेंगे और अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। अब तक 27 शव बरामद हो चुके हैं और स्लॉट के हिसाब से उनके पहचान की व्यवस्था की गई है।
घायल हुए लोगो की आपबीती
संजय गांधी अस्पताल से छुट्टी पाकर घर लौट रही पीड़िता ने बताया कि हम लोग एक मीटिंग में बैठे थे और मुझे नहीं पता कि आग कब लगी। हमारे निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं था। सिर्फ एक ही रास्ता था और आग पहले ही फैल चुकी थी। हम तीसरी मंजिल पर थे। उस वक्त इमारत में 250-300 लोग थे।
बिमला नाम की एक घायल महिला जो संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती है, ने बताया कि हम सब एक मीटिंग में बैठे थे। तभी अचानक से लाइट चली गई और किसी ने कहा धुएं का गुबार उठ रहा है। तब वहां अफरा-तफरी मच गई, खिड़कियों के शीशे तोड़े जाने लगे और हमें नीचे उतरने के लिए लोग हमारी तरफ रस्सियां फेंकने लगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, यह भीषण आग थी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। लोगों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए हैं कि उन्हें पहचान पाना भी मुश्किल है। हमने गायब हुए और मृत लोगों की पहचान के लिए लोगों को तैनात किया है।