ओएनजीसी चौक पर सोमवार देर रात बेहद तेज रफ्तार कार कंटेनर के पिछले हिस्से से टकराई थी। हादसे में देखते ही देखते पल भर में छह दोस्त मौत के मुंह में समा गए। मरने वालों में तीन युवतियां भी शामिल थीं। रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कार की पूरी छत टूटकर पिछले हिस्से से चिपक गई।
मौके पर शव और मांस के लोथड़े करीब 60 मीटर तक बिखर गए। भीषण दुर्घटना में एक दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने सभी शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिए हैं।
मृतकों की पहचान गुनीत (19) पुत्री तेज प्रकाश सिंह निवासी साईं लोक, जीएमएस रोड, कुणाल कुकरेजा (23) पुत्र जसवीर कुकरेजा, निवासी गली नंबर 11, राजेंद्र नगर, मूल निवासी चंबा हिमाचल प्रदेश, ऋषभ जैन (24) पुत्र तरुण जैन, निवासी राजपुर रोड जाखन, नव्या गोयल (23) पुत्री पल्लव गोयल निवासी आनंद चौक, तिलक रोड, अतुल अग्रवाल (24) पुत्र सुनील अग्रवाल निवासी कालीदास रोड और कामाक्षी (20) पुत्री तुषार सिंघल निवासी कांवली रोड देहरादून के रूप में हुई है। जबकि, सिद्धेश अग्रवाल (25) पुत्र विपिन कुमार अग्रवाल निवासी राजपुर रोड हादसे में घायल हुआ है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ये सभी दोस्त एक कार में सवार थे। कार अतुल अग्रवाल चला रहा था। सोमवार रात करीब पौने दो बजे उनकी तेज रफ्तार कार बल्लूपुर चौक से कौलागाढ़ की तरफ चल रही थी। इसी दौरान कार किशननगर चौक की ओर से आ रहे कंटेनर के पिछले हिस्से से टकरा गई।
हादसा इतना भयानक था कि दो के सिर तो धड़ से ही अलग हो गए। मौके पर पहुंची कैंट पुलिस ने तीन शवों को दून अस्पताल, एक को कोरोनशन और दो को श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद परिजनों को सूचित किया गया। मंगलवार को सभी शवों का कोरोनशन अस्पताल में पोस्टमार्टम करा परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
हादसे के बाद मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया। सभी दोस्त सोमवार रात में एक साथ थे। इनमें से पांच के शवों का मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया। जबकि, कुणाल के परिजन हिमाचल प्रदेश से देर शाम देहरादून पहुंचे। परिजन कुणाल के शव का हरिद्वार में अंतिम संस्कार करेंगे। घायल सिद्धेश का सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। हालांकि, उसके मुंह और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं।
मृतकों में शामिल तीन दोस्त शहर के निजी विश्वविद्यालय के छात्र थे। इनमें कुणाल बीबीए, कामाक्षी बीकॉम और गुनीत बीबीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे। जबकि, ऋषभ जैन ने राजपुर रोड स्थित एक विवि से अपनी पढ़ाई पूरी की थी और अपने परिवार के कारोबार में हाथ बंटा रहा था। अतुल अग्रवाल के पिता का सहारनपुर में पटाखों का कारोबार है। उनका परिवार कुछ समय पहले ही देहरादून शिफ्ट हुआ था।