मैं उनसे मिला हूँ, मैं उनकी जिन बातों से प्रभावित रहा, सदैव धोती कुर्ता पहनते थे, हिंदी भाषा, अपने घर में गाय पालते थे भैस नही, हनुमान जी की उपासना करते थे, ये प्रसंसा की जानी चाहिए। हनुमान जी की उपासना, घर में गाय का पालन, भारतीय परिधान धोती कुर्ता, हिंदी भाषा इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए।
निहत्थे लोगों पर गोली चलना उनके जीवन में दो बार हुआ, एक अयोध्या में चलवाई 2 नवंबर 1990 और दूसरा मुजफ्फर नगर के राम नगर चौराहे पर, जहां उत्तराखंड के लोग आ रहे थे रात में बसों से उतार कर उन पर गोली चलाई गई। इसकी प्रशंसा वह खुद भी नहीं करते होंगे, ग्लानि अनुभव करते रहे होंगे, इसकी प्रशंसा हम भी नहीं करेंगे। लेकिन जो उनकी अच्छी बातें थी वह हमने आपके सामने रख दी।








