केरल की सत्ता में भाजपा की एंट्री हो गई है। दरअसल भाजपा के राज्य सचिव और कोडुंगनूर वार्ड से पार्षद वीवी राजेश तिरुवनंतपुरम नगर निगम के मेयर चुने गए हैं। वीवी राजेश ने शुक्रवार को 51 वोट हासिल करके जीत हासिल की। भाजपा के 50 पार्षदों के अलावा एक निर्दलीय पार्षद का भी समर्थन वीवी राजेश को मिला। वहीं यूडीएफ उम्मीदवार केएस सबरीनाथन को सिर्फ 17 वोट ही मिले। लेफ्ट यानी एलडीएफ उम्मीदवार आरपी शिवाजी को 29 वोट मिले। गौरतलब है कि इतिहास में पहली बार तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा का मेयर बना है।
भाजपा ने तिरुवनंतपुरम में सीपीआईएम का 45 साल का शासन खत्म किया
गुरुवार को भाजपा ने राज्य सचिव वीवी राजेश को तिरुवनंतपुरम नगर निगम के मेयर पद का उम्मीदवार घोषित किया था। साथ ही पार्टी ने करुमम वार्ड से पार्षद जीएस आशानाथ को पार्टी की ओर से उप-महापौर पद का उम्मीदवार बनाया। केरल में 2025 के स्थानीय निकाय चुनाव 9 दिसंबर से 11 दिसंबर तक आयोजित किए गए, जिनमें कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ गठबंधन ने अधिकांश इलाकों में जीत हासिल की थी। हालांकि तिरुवनंतपुरम में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिला, जहां भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने नगर निगम में जीत हासिल की और इसके साथ ही यहां सीपीआईएम के 45 साल के शासन का अंत हो गया।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम की जीत को नए अध्याय की शुरुआत मानती है भाजपा
तिरुवनंतपुरम नगर निगम में एनडीए सबसे बड़ा गठबंधन बनकर सामने आया। एनडीएन ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 में से 50 वार्डों में जीत हासिल की थी। तिरुवनंतपुरम कांग्रेस सांसद शशि थरूर का क्षेत्र है और राज्य में अगले साल (2026) विधानसभा चुनाव हैं। भाजपा, तिरुवनंतपुरम में पार्टी की जीत को केरल में ‘एक नए अध्याय की शुरुआत’ के तौर पर देख रही है।
निकाय चुनाव में यूडीएफ ने दर्ज की जीत
राज्य में छह नगर निगमों, 14 जिला पंचायतों, 87 नगर पालिकाओं, 152 ब्लॉक पंचायतों और 941 ग्राम पंचायत में चुनाव हुए थे। इनमें कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने बड़ी जीत दर्ज की। यूडीएफ ने चार नगर निगमों, 7 जिला पंचायतों, 54 नगर पालिकाओं, 79 ब्लॉक पंचायतों और 505 ग्राम पंचायतों में जीत हासिल की है। एलडीएफ को महज एक नगर निगम, सात जिला पंचायतों, 28 नगर पालिकाओं, 63 ब्लॉक पंचायतों और 340 ग्राम पंचायतों में जीत मिली है।







