बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रचंड जीत हासिल करने वाली भाजपा पंचायत चुनाव की तैयारी में है। अब तक बिहार के पंचायत चुनाव में राजनीतिक दल अधिक फोकस नहीं करते थे। लेकिन, अब भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पंचायत चुनाव पर पूरी तरह फोकस कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी का कहना है कि संगठन बिहार में बूथ स्तर पर काफी मजबूत हो चुका है। परिणाम बिहार विधानसभा चुनाव में सबने देख ही लिया है। इसलिए अब पंचायत चुनाव लक्ष्य है। बिहार में दिसंबर 2026 से पहले पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। बुधवार को पटना में जब राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन ने बूथ लेवल एजेंटों के साथ बैठक की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमलोगों को बिहार पंचायत चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार होना है। इसके लिए अभी से ही हमलोगों को हर बूथ पर काम करना होगा।
भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पंचायत को लेकर क्या कहा था
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की जनता ने भाजपा को एक बहुत बड़ा मैंडेट दिया है। इस वजह से उस जनता के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। इसलिए सरकार की उपलब्धियों को नीचे धरातल तक ले जाने के साथ-साथ जनता से जुड़कर हमें काम करना पड़ेगा। जनता ने जिस अपेक्षा से हमें वोट दिया है हमें उनके अपेक्षाओं पर खरा उतरने का समय आ गया है। हमें सरकार की योजनाओं को जनता तक ले जाना होगा और फिर उसे धरातल पर उनके अनुसार काम करना होगा। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का सपना है कि पंचायत से पार्लियामेंट तक भगवा लहराए। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि नरेंद्र मोदी का सपना है कि एक लाख से अधिक युवा नेतृत्व निकाला जाय। और, यह तभी होगा जब एक लाख से अधिक हमारे युवा नेतृत्व पंचायत से पार्लियामेंट तक आगे बढ़ेंगे।
नितिन नवीन का संदेश- ‘अभी से हम सबको पंचायत चुनाव में लग जाना है’
नितिन नवीन ने कहा कि आने वाले समय में बिहार पंचायत में और नगर निकाय में चुनाव होने हैं, इसलिए मैं सभी कार्यकर्ताओं को आगाह करता हूं कि अगर नेतृत्वकर्ता बनना है तो अपने-अपने क्षेत्र में जाइए और जनता से जुड़कर काम कीजिए। जनता की समस्याओं में खरा उतरिये। नितिन नवीन ने कहा कि जब आप ऐसा कीजिएगा तभी आप में से कोई वार्ड काउंसलर बनेगा, कोई मुखिया बनेगा और कोई भविष्य का नेतृत्वकर्ता बनेगा। पंचायत निकाय चुनाव में हम सबको अभी से ही लग जाना होगा, तभी निश्चित रूप से यह चुनाव बदलते हुए बिहार की एक नई तस्वीर प्रदान करेगा। नितिन नवीन ने कहा कि अगर पंचायत और निकाय स्तर पर अच्छा नेतृत्व खड़ा कर देंगे तो 2047 का बिहार भी विकसित बिहार बनकर उभरेगा।
बिहार में भाजपा का मंडल या पंचायत स्तर पर फिलहाल संगठन प्रारूप क्या है?
भाजपा में लंबे समय से दायित्व पर रहे एक अधिकारी ने बताया कि हमारी पार्टी के बूथ से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कार्यकर्ता है। बिहार में 534 प्रखंड और 8387 पंचायत में हमारा संगठन फैला हुआ है। सबसे पहले कार्यकर्ता बूथ स्तर पर जुड़ते हैं। अब इसे शक्ति केंद्र कहा जाता है। इस शक्ति केंद्र में 12 से अधिक सदस्य होते हैं। इन सदस्यों में युवा, किसान, महिलाएं और समाज के प्रबुद्ध लोग शामिल होते हैं। इसका एक प्रमुख होता है। इसके ऊपर मंडल होता है। 12 से 15 शक्ति केंद्रों को मिलाकार मंडल बनता है। यह प्रखंड स्तर पर रहता है। हर मंडल में एक कमेटी रहती है। इसमें 30 से अधिक सदस्य रहते हैं। इसमें कम से 10 महिलाएं भी रहती हैं। साथ ही सदस्यों में समाज के हर वर्ग के लोग रहें, इसका भी ख्याल रखा जाता है। मंडल समितियों के सदस्य ही जिला स्तर पर प्रतिनिधियों को चुनते हैं। इससे ही जिला स्तर पर कमेटी बनती है। यानी हर एक स्तर पर एक अलग समिति होती है।
भाजपा अभी बूथ लेवल तक जो काम कर रही, उससे पंचायत चुनाव में कैसे फायदा होगा?
वरिष्ठ पत्रकार लव कुमार मिश्रा बताते हैं कि भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन ने कहा है कि आने वाले समय में एक लाख नये युवा कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम करेंगे। यह युवा बूथ स्तर से ही जोड़े जाएंगे और यही पंचायत चुनाव में अग्रणी भूमिका में रहेंगे। यानी साफ है कि भाजपा बूथ स्तर से ही युवाओं पर फोकस कर रही है। फिलहाल, बिहार में भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसके कार्यकर्ता बूथ स्तर तक अपनी जड़ें जमा चुके हैं। बूथ स्तर पर इनके कार्यकर्ता हर परिवार के एक-एक सदस्य से संपर्क में रहते हैं। वह समय-समय पर उनके घर जाते हैं। उनका हालचाल तो लेते ही हैं, साथ ही छोटे-बड़े हर काम में मदद के लिए भी तैयार रहते हैं। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में उन्हें अवगत तो कराते ही हैं, साथ ही उन योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद भी करते हैं। यह सब बातें लोग याद रखते हैं। और, वोटिंग के वक्त जनता इन्ही बातों का ध्यान रखती है। पंचायत चुनाव में इस काम का काफी फायदा मिल सकता है।
‘अगर भाजपा कामयाब रही तो इसके दूरगामी परिणाम जरूर होंगे’
वरिष्ठ पत्रकार लव कुमार मिश्रा ने कहा df बिहार में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पंचायत स्तर के नेतृत्वकर्ता काफी सक्रिय भूमिका रहते है। आजादी के बाद अब भी कई ऐसे पंचायत हैं, जहां एक परिवार का ही पंचायतों नियंत्रण रहा है। आज विधानसभा या लोकसभा में प्रत्याशी किसी न किसी रूप में इन परिवार पर वोट के निर्भर रहते हैं। इन परिवारों का नियंत्रण पंचायत, प्रखंड और जिला परिषद् तक रहता है। भाजपा अगर 8387 पंचायत से आधे में भी युवा नेतृत्व खड़ा कर देती है तो अन्य दलों के लिए काफी मुश्किल हो सकती है। क्योंकि बिहार पंचायतों में मुखिया और सरपंच की बातों का ग्रामीण परिवेश के लोग काफी महत्व देते हैं। भाजपा का युवा ब्रिगेड पंचायत स्तर की राजनीति को बदल में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके दूरगामी परिणाम भी होंगे। अधिक से अधिक युवा पंचायती व्यवस्था में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए आगे आएंगे। इससे पंचायतों का विकास भी होगा।









