बस्तर के होनहार ने देसी जुगाड़ और कबाड़ से बना डाला रिमोट कंट्रोल हवाई जहाज…
रिपोर्टर – मेघा तिवारी
रायपुर, छत्तीसगढ़
कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्र के एक छोटे से गांव स्वरुपनगर पी व्ही 62 में रन-वे भले ही न हो। लेकिन गांव के होनहार ने एक ऐसा कमाल कर दिखाया है, कि दूर दूर से लोग एक करिश्मा देखने यहां आ रहे हैं। दरअसल इस होनहार ने करीबन दो साल तक दिन रात मेहनत के बाद एक हवाई जहाज बनाया है। इस हवाई जहाज को सुजीत मजूमदार पिता सुरेश मजूमदार ने खुद अपने हाथों से बनाया है।
इस जहाज को बनाने के लिए थर्माकोल, सेलो टेप, फेविकोल, साइकिल का स्पोक, साइकिल के ट्यूब के वाल ट्यूब, एक्सरे फोटो फ़िल्म शीट, छतरी का तार, परीक्षा के लिए परीक्षा बोर्ड, रेडियम शीट, एक बैटरी, 5 नग मोटर, एक पंखा और चलाने के लिए एक रिमोट कंट्रोल डिवाइस इन चीजों का उपयोग किया गया है। जिसके बाद ये हवाई जहाज हवा में करीब 2 किलोमीटर हवाई रेंज की दुरी तय करता है और साथ ही साथ लगभग 500 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है और तकरीबन आधे घंटे तक हवा की सैर कर सकता है। उसके बाद लैंडिंग करता है।
वहीं अगर इसे कंट्रोल करने की बात करें तो इसे एक रिमोट के जरिए ऑपरेट किया जाता है। ये हवाईजहाज हर वो काम कर सकता है, जो ड्रोन करता है। लेकिन वर्तमान मे इस हवाई जहाज मे कैमरा फिट नहीं किया गया है।
इस जहाज में अगर कैमरा फिट कर दिया जाए, तो ये शूटिंग और दुर्गम स्थानों की तस्वीरें लेने का भी काम कर सकता है। बता दें कि सुजीत बचपन मे खेलने के लिए एक हवाई जहाज खरीदना चाहता था…घर में पैसों की तंगी ने वो सपना पूरा नहीं होने दिया। सुजीत ने इलेक्ट्रॉनिक मे पोलिटेक्निक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। गरीबी के चलते सुजीत अपने आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाया, लेकिन जीवन कुछ करने की इच्छा मन मे बनी रही। लॉक डाउन मे घर मे बैठे बैठे हवाई जहाज बनाने की तरकीब दिमाग़ मे आई । दो साल तक पाई-पाई जोड़कर करीबन 10 से 12 हजार रुपए जमाये और फिर देसी जुगाड़ और कबाड़ से जहाज बना डाला। इस करिश्मे के बाद सिर्फ परिवार ही नहीं पूरे गांव को इस होनहार पर नाज है।
वैसे सुजीत का मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि वह इस हवाईजहाज को मोबाइल से ऑपरेट और जी पी एस तकनीक देने की कोशिश में जुटा हैं।