अयोध्या – निर्माणाधीन रामायण विश्वविद्यालय,अयोध्या को जल्द मिलेगा रामायण विश्वविद्यालय, निर्माण कार्य में तेज़ी

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 रामायण के आदर्शों और भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों को एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली में पिरोने का महत्वाकांक्षी परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है। महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, और इसके 2025 में शैक्षणिक सत्र शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और प्राचीन शिक्षा पद्धतियों को एक आधुनिक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करना है। इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर में कई भवन बन चुके हैं और कुछ का फिनिशिंग कार्य अभी चल रहा है। विश्वविद्यालय के भवनों को रामायण के प्रमुख पात्रों के नाम पर रखा जाएगा, ताकि यह परिसर अपनी सांस्कृतिक और पौराणिक पहचान को और प्रगाढ़ कर सके।यह विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति, वेद, उपनिषद, आयुर्वेद, योग और धर्मशास्त्र के विषयों के अलावा आधुनिक विषयों का भी समावेश करेगा। यहां BA, LLB, B.Sc., B.Com., M.Com. जैसे पारंपरिक और आधुनिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ तकनीकी और गैर-तकनीकी पाठ्यक्रमों का अध्ययन भी होगा। यह छात्रों को एक व्यापक शिक्षा का अवसर प्रदान करेगा, जिसमें वे भारतीय और पश्चिमी ज्ञान परंपराओं का समग्र अध्ययन कर सकेंगे।
महर्षि संस्थान के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य को गति दी जा रही है, और यह विश्वास जताया जा रहा है कि यह परियोजना अयोध्या के विकास को और नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। रामायण विश्वविद्यालय न केवल भारतीय संस्कृति के अध्ययन में गहरी रुचि रखने वाले छात्रों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करेगा, बल्कि यह पूरी दुनिया से शिक्षा प्राप्ति के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकता है।इस विश्वविद्यालय की स्थापना अयोध्या को एक नया पहचान देने के साथ-साथ भारतीय ज्ञान और संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण कदम होगी। आने वाले समय में, यह विश्वविद्यालय भारतीय सांस्कृतिक और शैक्षिक धरोहर का एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा, जो देश-विदेश से छात्रों और विद्वानों को आकर्षित करेगा।

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