अयोध्या- अयोध्या के ज्यादातर घर हो रहे है एसी से लैस, आग की भट्ठी बना शहर |
आग उगल रहे सूरज की तपिश के बीच लोग एसी पर तेजी से निर्भर हो रहे हैं। लगभग हर दूसरा घर एसी से लैस हो रहा है। ऐसे में पूरा शहर आग की भट्ठी बनता जा रहा है। प्रचंड गर्मी के बीच पिछले करीब दो माह में लगभग 28,000 एसी जिले में बिक चुका है। इनमें अधिकांश शहरी इलाकों में ही लगा है। एसी की मांग इस कदर बढ़ी है कि कंपनियां समय पर आपूर्ति ही नहीं कर पा रही हैं। इन एसी से घर तो अंदर ठंडे हो रहे हैं, लेकिन बाहर का वातावरण इनसे निकलने वाली गर्मी से धधक रहा है।
जिले में इस बार गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। आसमान से बरस रही आग का असर है कि दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। रातें भी काफी गर्म हैं। भीषण गर्मी में कूलर-पंखे तो अब बेअसर होने लगे हैं। जरा सा भी संपन्नता होने पर लोग एसी पर निर्भर हो रहे हैं। इसी वजह से इस बार इलेक्ट्रॉनिक बाजार में बूम है। पिछले वर्ष की तुलना में सिर्फ ढाई माह में ही कारोबार लगभग दोगुना हो गया है। अप्रैल से अब तक जिले में लगभग 94 करोड़ की एसी बिकने का अनुमान है। वहीं, कूलर भी लगभग 38,000 बिक चुके हैं। एसी-कूलर मिलाकर इस बार लगभग 149 करोड़ के कारोबार का अनुमान है।
पिछले माह खत्म हो गया था स्टॉक
-इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनाम सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने प्रतिष्ठान पर इस बार लगभग 2,000 एसी बेचा है। मई में तो स्टॉक ही खत्म हो गया। कुछ प्रतिष्ठित कंपनियों में भी स्टॉक शून्य होने से आपूर्ति के लिए बुकिंग करके ग्राहकों को समय दिया गया। अब थोड़ी मात्रा में एसी की आपूर्ति होने लगी है।
कट गए पेड़, जगह-जगह लगे पत्थर
– जिले में गर्मी के जानलेवा होने के काफी हद तक जिम्मेदार हम स्वयं है। विकास कार्यों के दौरान शहर के रामपथ, परिक्रमा मार्ग समेत अन्य जगहों पर ज्यादातर पेड़ कट गए। 14 किलोमीटर का रामपथ तो वृक्ष विहीन हो गया है। वहीं, 14 कोसी परिक्रमा मार्ग की भी लगभग यही दशा है। इसके अलावा रामपथ समेत अन्य प्रमुख मार्गों के फुटपाथ व अन्य विकास कार्यों में खूब पत्थर भी लगे हैं, जिनसे भी तपिश काफी बढ़ गई है।
413 होमस्टे व कई होटल भी बढ़े
– शहर भर में लगभग 413 होमस्टे व कई नये होटल भी बने हैं। इनके अधिकांश कमरों को भी एसी से लैस किया गया है। ज्यादातर होमस्टे में तो तीन से पांच व होटलों में 15-20 एसी तक लगे हैं। बड़े संख्या में लगी एसी का असर है कि सूरज ढलने के बाद भी लू के थपेड़े जैसे महसूस होते हैं। देर रात तक भी वातावरण ठंडा नहीं हो पा रहा है।