मौसम में अब बदलाव शुरू हो गया है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री व न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। सुबह के समय कोहरा भी छाने लगा है, सिहरन होने लगी है। रात के समय भी ठंड का अहसास होने लगा है। ऐसे में रामलला को भी ठंड लगने लगी है। इसलिए रामलला को गर्म पानी से स्नान कराया जा रहा है, उनके राग-भोग में भी बदलाव कर दिया गया है।
राम मंदिर में रामलला पांच साल के बालक के रूप में विराजमान हैं। ऐसे में उनकी सेवा एक बालक के रूप में ही की जाती है। जब-जब मौसम बदलता है तो उनके राग-भोग में भी बदलाव किया जाता है। राम मंदिर के अर्चक अशोक उपाध्याय ने बताया कि अब चूंकि मौसम में सिहरन शुरू हो गई है। सुबह-शाम ठंड होने लगी है, इसलिए बालक राम के राग-भोग में परिवर्तन कर दिया गया है।
बालक राम को सुबह 4:30 बजे ही जगाया जाता है और उन्हें स्नान कराया जाता है। उन्हें ठंड न लगे, इसलिए अब उन्हें गुनगुने पानी से स्नान कराया जाता है। साथ ही भोग में भी बदलाव किया गया है।
भोग में रबड़ी व पेड़ा दिया जा रहा है। ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम व पिस्ता भी दिया जा रहा है। बादाम व पिस्ता मिलाकर गर्म दूध दिया जा रहा है। भोजन में पूड़ी व हलुआ परोस रहे हैं। ठंड बढ़ने पर कुछ और बदलाव किए जाएंगे। गर्भगृह में अब कूलर नहीं चलाए जा रहे हैं। पंखे का उपयोग केवल दोपहर में ही किया जा रहा है। ठंड को देखते हुए रामलला की दर्शन अवधि में पहले ही बदलाव किया जा चुका है। जल्द ही रामलला को ऊनी वस्त्र भी पहनाना शुरू किया जाएगा। अभी रत्न जड़ित सिल्क व रेशमी वस्त्र पहनाए जा रहे हैं जो मुंबई से मशहूर डिजाइनर मनीष त्रिपाठी की ओर से बनाकर भेजे जाते हैं।