मध्यप्रदेश 3
कटनी जिला अस्पताल के एसएनसीयू में नर्सिंग स्टाफ की गंभीर लापरवाही सामने आई है। 29 दिन के नवजात बच्चे को मृत बताकर उसे परिजनों को लौटा दिया गया था, लेकिन जब परिजनों को शंका हुई कि बच्चे की सांसें चल रही हैं तो उन्होंने ओपीडी में जाकर डॉक्टर से जांच कराई तो बच्चे की सांसें चल रहीं थीं। इस पर सिविल सर्जन का गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया है। लापरवाह पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें बचाते दिखाई दिए।
जानकारी के अनुसार, सोनू पति विष्णु चौधरी निवासी ग्राम हरैया थाना विजयराघवगढ़ को जिला अस्पताल में प्रसव हुआ था। उसके 29 दिन का बच्चा था। बच्चे के स्वस्थ होने पर उसे छुट्टी दे दी गई थी और जच्चा-बच्चा दोनों घर चले गए थे। बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ गई, शुक्रवार दोपहर में उसे फिर से एसएनसीयू में भर्ती कराया गया, जहां पर इलाज जारी रहा। कुछ समय के बाद नर्सिंग स्टाफ ने कह दिया कि अब आपके बच्चे की सांसें नहीं चल रही हैं। इसे घर ले जाइए, बच्चे की मौत बात सुनते ही परिजन रोने लगे और बच्चे को अस्पताल के बाहर ले आए।
कुछ समय बाद परिजनों को आभास हुआ कि बच्चे की सांसें चल रही हैं। उन्होंने ओपीडी में बैठे एक डॉक्टर से जांच कराई तो बच्चे की धड़कन चल रहीं थीं। इस पर तत्काल परिजन बच्चे को निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उपचार जारी है। मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा ने कहा, बच्चे की सांसें नहीं चल रहीं थीं। इसलिए स्टाफ ने ऐसा किया होगा, परिजन बिना बताए अस्पताल से उसे ले गए हैं। हमारी हमेशा कोशिश होती है कि यहां पर प्रत्येक बच्चा स्वस्थ रहे।