हल्द्वानी: मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट अब अपनी मेस खुद चलाएंगे,खराब भोजन दिए जाने की पुष्टि के बाद नया फैसला

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ल्द्वानी मेडिकल काॅलेज की मेस में खराब भोजन की शिकायत को लेकर कॉलेज सभागार में सोमवार शाम 600 से अधिक छात्र-छात्राओं के साथ हॉस्टल वार्डन और कर्मचारियों की बैठक हुई। इसमें छात्रों की शिकायतें जानी गईं और फिर मेस संचालन के बारे में राय ली गई। तय हुआ कि अब तक ट्रस्ट मोड में चल रही सभी मेस का संचालन एक मार्च से छात्र-छात्राएं स्वयं करेंगे।

शाम चार बजे प्राचार्य डाॅ. अरुण जोशी की मौजूदगी में शुरू हुई बैठक में छात्र-छात्राओं ने बताया कि सभी मेसों में खराब गुणवत्ता का भोजन दिया जा रहा था। हाइजीन (साफ-सफाई) का ध्यान नहीं रखा जा रहा था। छात्रों ने यह भी बताया कि थाली का बिल ज्यादा लिए जाने से उन पर बोझ भी पड़ रहा है। अधिकांश छात्रों ने भोजन की बिलिंग एक साथ न करने, उनकी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने और खुद ही मेस का संचालन करने की बात कही।

मुख्य छात्रावास अधीक्षक डॉ. आरजी नौटियाल ने बताया कि अभी तक मेडिकल कॉलेज की शुरुआत से ही मेस ट्रस्ट मोड में चल रही थी। इसके तहत ठेकेदार रखे हुए थे। इस परिपाटी के बीच एक बार वर्ष 2017 में हुई मीटिंग में तय होने के बाद मेस की कुछ जिम्मेदारी छात्रों के हवाले की गई। खाना बनाने का काम ठेकेदार ने ही किया। तब छात्रों ने सिर्फ पैसे जमा किए और मैन्यू तय किया।

 

सोमवार की बैठक में छात्रों से जब पूछा गया कि मेस बंद कर दें या वे लोग स्वयं संचालन करेंगे, तब छात्रों ने एक मार्च से मेस का संचालन स्वयं करने की बात कही। प्राचार्य डाॅ. अरुण जोशी ने इसकी पुष्टि की है।

यह हुआ निर्णय और ऐसे होगा संचालन
– एक मार्च से छात्र-छात्राएं स्वयं मेस का संचालन करेंगे।
– छात्र-छात्राएं अपना कुक, कर्मचारी, बर्तन स्वयं लाएंगे।
– जगह और बिजली कनेक्शन कॉलेज देगा, लेकिन बिजली खर्च का भुगतान छात्र करेंगे।
– हाईजीन के इंतजाम और भोजन मेन्यू का मेंटनेंस छात्र स्वयं तय करेंगे।

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यह था पूरा मामला
खराब भोजन की लिखित शिकायत पर प्राचार्य ने पांच फरवरी को खुद मौके पर छानबीन की थी। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग के अफसरों को बुलाकर जांच कराई। गर्ल्स और बॉयज मेस के साथ ही पीजी मेस में भी दूध, चावल और मसाला एक्सपायरी डेट का मिला था। गर्ल्स हॉस्टल की मेस के लिए तो फूड लाइसेंस तक नहीं था। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने तेल और पनीर का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था।

गर्ल्स मेस में महिला कर्मचारी तैनात करने के निर्देश
गर्ल्स मेस में महिला कर्मचारी नहीं होने की खबर प्रकाशित होने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने संबंधित मेस संचालक को महिला कर्मचारी की तैनाती का निर्देश दिया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने भेजे पत्र में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार गर्ल्स मेस में महिला कर्मचारियों को ही कार्य करने की अनुमति होती है। संस्थान अब नई ई-निविदा आमंत्रित करने जा रहा है। तब तक तत्काल रूप से मेस में महिला कर्मचारी नियुक्त की जाएं। अन्यथा मेडिकल कॉलेज प्रशासन मेस में पुरुष कर्मचारियों को भी काम करने की अनुमति नहीं देगा।


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