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दिल्ली वायु प्रदूषण: आज सीएम आतिशी ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग, गोपाल राय रहेंगे मौजूद

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राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही मुख्यमंत्री आतिशी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। आज से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का पहला चरण लागू हो चुका है। मंगलवार सुबह आठ बजे से पहले चरण की बंदिशें लागू हो गई हैं। सोमवार को केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति की बैठक में वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया था।

 

आमतौर पर ग्रैप-1 तब लागू किया जाता है, जब शहर का एक्यूआई 200 के पार पहुंच जाता है। ग्रैप-1 लागू होने के बाद होटलों और रेस्तरां में कोयला और लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है। इसके अलावा पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों (बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल) के संचालन पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। साथ ही निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) गतिविधियों में धूल शमन उपायों और सीएंडडी कचरे के ठोस पर्यावरण प्रबंधन पर निर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। इसमें 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक के भूखंड आकार वाली ऐसी परियोजनाओं के संबंध में सीएंडडी गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो संबंधित के वेब पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं।

 

डंप स्थलों से नगर पालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू), निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) अपशिष्ट और खतरनाक कचरे का नियमित उठाव सुनिश्चित करना होगा। कोई भी कचरा अवैध रूप से खुले क्षेत्रों में डंप नहीं किया जाएगा। वहीं, सड़कों पर समय-समय पर मशीन से सफाई और पानी का छिड़काव करना होगा। सीएंडडी सामग्री और अपशिष्ट को परिसर में उचित रूप से कवर किया जाएगा। वाहनों के लिए पीयूसी मानदंडों की कड़ी निगरानी करनी होगी। डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में नहीं किया जा सकता है।

इन चीजों का रखें ध्यान
-अपने वाहनों के इंजनों को ठीक से ट्यून करके रखें।
-वाहनों में टायर का उचित दबाव बनाए रखें।
-अपने वाहन का पीयूसी प्रमाणपत्र रखें।
-लाल बत्ती पर इंजन बंद कर दें।
-वाहन के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइब्रिड वाहनों या ईवी को प्राथमिकता दें।
-खुले स्थानों पर कूड़ा-कचरा न फैलाएं व निस्तारित न करें।
-311 एप, ग्रीन दिल्ली एप, समीर एप आदि के माध्यम से वायु प्रदूषणकारी गतिविधियों की रिपोर्ट करें।
-अधिक से अधिक पौधे लगाएं।
-त्योहारों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से मनाएं-पटाखों से बचें।
-10-15 वर्ष पुराने डीजल/पेट्रोल वाहन न चलाएं।

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