मोदी 3.0 Cabinet: 4 बार मुख्यमंत्री रहने के बाद अब केंद्र में मंत्री बने मामा शिवराज , छठे नंबर पर ली शपथ

Spread the love

मोदी 3.0 Cabinet: 4 बार मुख्यमंत्री रहने के बाद अब केंद्र में मंत्री बने मामा शिवराज , छठे नंबर पर ली शपथ

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया गया है। उन्होंने छठे नंबर पर शपथ ली है। इससे मध्य प्रदेश की ताकत और ज्यादा बढ़ेगी। विदिशा से छठवीं बार सांसद चुने गए शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में भाजपा के सबसे कद्दावर नेता हैं। वह मध्य प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला है। उनका कार्यकाल करीब 16.5 वर्ष का रहा। इससे पहले भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष व भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं।

शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश में ‘मामा’ नाम से भी पुकारा जाता है। उनका पेशा राजनीति और कृषि रहा है। सीहोर जिले के बुधनी में 5 मार्च 1959 को जन्मे शिवराज अब 64 के हो चुके हैं। लेकिन ऊर्जा से अब भी किसी युवा को मात देने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से शिक्षा हासिल की है। एमए (दर्शनशास्त्र) कर चुके हैं। पिता प्रेम सिंह चौहान हैं, तो माता का नाम सुंदर बाई चौहान है। साधना सिंह से उनका विवाह हुआ है। उनके दो पुत्र कार्तिकेय चौहान, कुणाल चौहान हैं।

राजनीति से पहले आरएसएस में थे सक्रिय
गौरतलब है कि राजनीति में कदम रखने पहले शिवराज सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया था। शिवराज सिंह चौहान छह बार उस सीट से सांसद हैं, जहां से कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सांसद थे। प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालने से पहले शिवराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

और पढ़े  बड़ी लापरवाही: अस्पताल में लापरवाही के चलते महिला की 2 बार हुई मौत,पोस्टमार्टम हाउस में चल रही थी सांस

शिवराज सिंह चौहान को जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता है। शिवराज का राजनीतिक अनुभव भी सबसे जुदा रहा है। शिवराज सिंह चौहान ने 1972 में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ज्वाइन कर लिया था और 1975 में मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। शिवराज ने आपातकाल में भी हिस्सा लिया और उन्हें आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में बंद कर दिया गया था। आपातकाल के बाद उनकी क्षमता को देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उन्हें भोपाल में संगठन सचिव की जिम्मेदारी सौंप दी।

अब छठी बार सांसद
1978 से 1980 तक शिवराज सिंह चौहान अभाविप में मध्यप्रदेश के संयुक्त सचिव रहे। 1980 से 1982 तक शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश एबीवीपी के महासचिव चुने गए और उसके बाद 1982 से 1983 तक राष्ट्रीय मंत्री रहे। शिवराज सिंह चौहान को भारतीय जनता युवा मोर्चा में भेजा गया और उन्हें मध्यप्रदेश का संयुक्त सचिव बनाया गया। 1990 में उन्हें बुधनी विधानसभा सीट से विधानसभा का प्रत्याशी बनाया गया और उन्होंने जीत दर्ज की। 1991 के बाद उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया और शिवराज सिंह चौहान सांसद बन गए। शिवराज सिंह चौहान 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में विदिशा लोकसभा सीट से सांसद चुने जा चुके हैं।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार 29 नवंबर 2005 को शपथ ली और 2008 तक वह मुख्यमंत्री रहे। दूसरी बार 12 दिसंबर 2008 को मुख्यमंत्री बने। तीसरी बार उन्होंने 14 दिसंबर 2013 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वहीं चौथी बार उन्होंने 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अब 2024 में रणनीति के तहत उन्हें फिर सांसद के लिए मैदान में उतारा गया और आठ लाख से ज्यादा वोटों से शिवराज ने जीत दर्ज की।

और पढ़े  अहमदाबाद विमान हादसा- प्लेन क्रैश हादसे का वीडियो रिकॉर्ड करने वाले लड़के का खुलासा,बोला- जब यह नीचे गिरा तो में...

पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं शिवराज
शिवराज सिंह चौहान की गिनती भाजपा के बड़े ओबीसी नेताओं में होती है। शिवराज भाजपा की पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं और 2019 में भारतीय जनता पार्टी सदस्यता अभियान के प्रमुख भी रह चुके हैं। उनके सदस्यता अभियान के प्रमुख रहते हुए भाजपा के सदस्यों की संख्या 18 करोड़ से अधिक हो गई थी। 2018 में जब भाजपा की मध्यप्रदेश में हार हुई तो उसके बाद शिवराज को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की भी जिम्मेदारी दी गई थी।

बड़ी जीत दर्ज करने वाले नेताओं में शिवराज
2024 के चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा संसदीय सीट से 8.21 लाख मतों से जीत हासिल की है। देश में सर्वाधिक वोट से जीतने वाले नेताओं में शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए हैं। शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश और देश में मामा के रूप में पहचान है। शिवराज सिंह चौहान की लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं को दूसरे राज्यों ने अपनाया है। अब मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना को भी पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुत लाभ मिला है। शिवराज सिंह चौहान ओबीसी वर्ग से आते हैं।


Spread the love
  • Related Posts

    यहाँ की उप तहसील में पड़ा आयकर विभाग का छापा,उजागर हुआ 11 हजार करोड़ रुपये का घोटाला  

    Spread the love

    Spread the love     हरियाणा की बल्लभगढ़ उप तहसील में शुक्रवार की दोपहर को आयकर विभाग की टीम ने रेड मारी। इस दौरान उन्होंने पाया कि बल्लभगढ़ तहसीलदार की ओर…


    Spread the love

    डमी स्कूल: केंद्र सरकार डमी स्कूलों और कोचिंग संस्कृति पर कसेगी शिकंजा, समिति हर महीने सौंपेगी रिपोर्ट

    Spread the love

    Spread the love     केंद्र सरकार ने छात्रों की कोचिंग और डमी स्कूल पर बढ़ती निर्भरता पर लगाम लगाने के लिए नौ सदस्यीय समिति गठित की है। उच्च शिक्षा…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!