सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद भी पीड़ित को नही मिला न्याय

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अयोध्या-

रिकाबगंज चौकी क्षेत्र में एक जमीनी विवाद के मामले में पीड़ित ने सीओ सिटी पर विपक्षी के साथ मिलकर जबरिया अपनी दुकान पर कब्जा कराने का गंभीर आरोप लगाया है।

मिली जानकारी के अनुसार रिकाबगंज बल्लाहाता निवासी प्रेम कुमार सोनी का अलका टॉवर के सामने स्थिति एक दुकान को लेकर आरटीओ ऑफिस के सेवानिवृत्त कर्मचारी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव से विवाद विवाद चल रहा था। पीड़ित का कहना है कि जिस भवन को लेकर विवाद चल रहा है उस मे वह बेसमेंट की एक दुकान में वर्ष 2008 से बातौर किरायेदार नगर निगम में दर्ज है। लेकिन खुद को मालिक बताने वाले केके श्रीवास्तव ने जबरिया पुलिस की सीओ के सह पर 23/24 दिसम्बर को रात में 3 बजे लिंटर डालकर उसकी दुकान का शटर बन्द कर दिया।

यह तब हुआ है जब पीड़ित ने 4 दिन पहले ही इस बात की आशंका जाहिर करते हुए पुलिस को जानकारी दे दी थी कि विपक्षी की नियति ठीक नही है वह ऐसी हरकत कर सकता है। जिस दिन रात में उसकी दुकान बंद की जा रही थी उस दिन रात में 1 बजे तक पीड़ित ने पुलिस को फोन पर सूचना दिया लेकिन अवैध निर्माण को नही रोका जा सका। पीड़ित का आरोप है कि नियम कानून को ताख पर रखकर सी ओ सिटी ने एक पक्षीय कार्यवाही करवाकर उसके साथ अन्याय किया है।

पीड़ित प्रेम सोनी ने उच्चाधिकारियों को लिखे शिकायत पत्र में कहा है कि सीओ सिटी ने पीड़ित के फरियाद करने जाने पर खुलेआम धमकी देते हुए कहा था कि मैं कब्जा करवाऊंगा।ऐसे ही 7 महीने से सीओ नही बना हूँ आउट ऑफ टर्न से इस पद पर आया हूँ उत्तर प्रदेश पुलिस में सर्वाधिक इनकाउंटर करने वालो में मेरा जाना जाता है।

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पीड़ित का आरोप है कि दबंग विपक्षी ने पैसे और पुलिस अधिकारियों से मिलीभगत करके चौड़ीकरण का फायदा उठाते हुए उसकी दुकान पर कब्जा कर लिया है।

वहीं, रिकाबगंज चौकी इंचार्ज राम प्रकाश सिंह का भी कहना कि विपक्षियों ने हमारे रोक के बाउजूद भी पुलिस को भरोसे में लेकर अवैध कब्जा कर लिया है।

जबकि उक्त मामले में सिटी मजिस्ट्रेट की तरफ से रिपोर्ट मांगने के साथ ही यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया गया था। इसके बाद भी पुलिस यथास्थिति कायम रखने में असफल रही। पीड़ित की मांग है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाकर या तो उसकी दुकान खुलवाया जाय या मामले के विचाराधीन रहने तक बिल्डिंग को सीज रखा जाय जिससे कोई अन्य निर्माण या क्षति न हो।


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