8 घंटे तक चली लंबी पूछताछ के बाद पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख गिरफ्तार ।

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रिश्वत व मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (71) को आखिरकार सोमवार देर रात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले ईडी ने देशमुख से 12 घंटे तक पूछताछ की। एजेंसी के अधिकारियों का कहना था कि एनसीपी नेता देशमुख मामले से जुड़े सवालों को लेकर टालमटोल कर रहे थे। देशमुख को मंगलवार सुबह स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। एजेंसी अदालत से देशमुख को हिरासत में रखने की अनुमति मांगेगी। देशमुख सोमवार को दोपहर करीब 11.40 बजे दक्षिण मुंबई के बेलार्ड एस्टेट स्थित ईडी के दफ्तर पहुंचे। उसके बाद ईडी के सहायक निदेशक तासीन सुल्तान और उनकी टीम देशमुख से लगातार पूछताछ की।
ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक महाराष्ट्र पुलिस में 100 करोड़ रुपये के कथित रिश्वत-सह-जबरन वसूली रैकेट में मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत देशमुख का बयान दर्ज किया गया है। ईडी ने मामले में देशमुख को पांच बार समन जारी किए, लेकिन वह एक बार भी पेश नहीं हुए थे। देशमुख हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी संरक्षण की कोशिशें करते रहे और महीनों तक गायब रहे। बीते हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा ईडी के समन को रद्द करने से इनकार करने के बाद उनके पास जांच एजेंसी के सामने पेश होने के शिवाय कोई चारा नहीं बचा  था।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर मुंबई के जूनियर पुलिस अधिकारियों के जरिये पब, बार एवं रेस्टोरेंट से हर माह 100 करोड़ की वसूली का आदेश देने का आरोप लगाया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी है। उसके बाद इस मामले में ईडी की एंट्री हुई। इस मामले में देशमुख के सहायक (पीए) कुंदन शिंदे और निजी सचिव (पीएस) संजीव पलांडे को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। आशंका थी कि देशमुख को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

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वीडियो जारी किया
देशमुख सोमवार को अचानक सामने आए और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। ईडी दफ्तर पहुंचने से पहले देशमुख ने एक वीडियो जारी कर पूछा कि उन पर सौ करोड़ की वसूली का आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह आखिर कहां हैं। ईडी दफ्तर में उनसे आठ घंटे से ज्यादा पूछताछ हुई। 

भ्रष्टाचार के रैकेट में शामिल रहे हैं परमबीर सिंह
देशमुख ने ईडी कार्यालय में पेशी से पहले जारी वीडियो में परमबीर सिंह की आलोचना करते हुए कहा, बेईमान व्यक्ति स्वयं भ्रष्टाचार के कई रैकेट में शामिल हैं। पुलिस आयुक्त का उच्च पद संभालने वाला प्रमुख व्यक्ति अब एक वांछित फरार अपराधी है। परमबीर सिंह ने ही देशमुख पर मुंबई के पब, बार एवं रेस्टोरेंट से हर माह 100 करोड़ वसूली का आरोप लगाया था। इसके बाद अप्रैल में देशमुख को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था बीते हफ्ते ठाणे और मुंबई की अदालत ने गोरेगांव में दर्ज एक जबरन रंगदारी वसूली के कथित मामले में सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। लेकिन उनका कुछ अता-पता नहीं है।
यह झूठ है कि मैं ईडी के समक्ष पेश होने से बच रहा हूं
देशमुख ने पेशी से पूर्व कहा, कुछ निहित स्वार्थों द्वारा एक गलत कहानी, एक गलत धारणा बनाई जा रही है कि मैं प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने से बच रहा हूं। यह प्रचार निराधार है। मैंने बिना किसी डर या पक्षपात के केवल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की है। मैं इस तरह के निष्पक्ष अधिकारियों के सामने पेश होने और मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों के झूठ को उजागर करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे उम्मीद है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी निष्पक्ष तरीके से कार्य करेंगे और जांच में मेरे सहयोग के बारे में शंकाओं को भी दूर करेंगे।

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