15 हजार रुपये नहीं दे पाए परिजन, डेढ़ माह तक मोर्चरी में सडता रहा कोविड मृतक का शव।

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हापुड़ से शुक्रवार को एक ऐसी खबर आई जो कोविड काल की त्रासदी को साफ बयां करती है। एक ओर जहां कोविड से मरने वाले कई लोगों की कोई सुध लेने नहीं आया वहीं कुछ अस्पतालों ने पैसे न मिलने पर परिजनों को मृतकों का शव नहीं दिया। अस्पतालों द्वारा शव न देने की एक ऐसी ही घटना हापुड़ से आई है।

जानकारी के अनुसार कोरोना से मरे व्यक्ति का शव डेढ़ माह तक मोर्चरी में रखा रहा। दरअसल 15 मई के दिन बिहार निवासी एक व्यक्ति को मेरठ के निजी अस्पताल में कोरोना की पुष्टि हुई थी। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

मृतक अपने भाई व पत्नी के साथ हापुड़ में किराए पर रहता था। मौत के बाद अस्पताल ने शव देने के लिए 15 हजार रुपए मांगे थे। लेकिन परिजनों के पास पैसे न होने के कारण वह लोग शव अस्पताल छोड़ बिहार लौट गए।

अस्पताल द्वारा शव हापुड़ जिला अस्पताल भिजवा दिया गया। तभी से शव जीएस मेडिकल की मोर्चरी में रखा था। पुलिस ने सर्विलांस के जरिए परिजनों की तलाश की। गुरुवार शाम मृतक की पत्नी बच्चे के साथ चोरखी पहुंची। उसके बाद नीर फाउंडेशन की मदद से शव का अंतिम संस्कार कराया गया।


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