
चंपावत। चालक आंगनलाल ने मंगलवार को अमंगल होने से बचा दिया। कुछ पल के लिए सभी यात्रियों की जान सांसत में आ गई। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला के पास ढलान में ब्रेक फेल हो चुकी रोडवेज बस को खाई में जाने से बचाकर उन्होंने 35 जिंदगियों को बचा लिया।
शेखर चंद्र, अनिल ओली, राकेश, अनिल, दीवान सिंह, हीरा देवी, विमला देवी, पूनम आदि 33 अन्य यात्रियों के लिए ये सात सेकेंड किसी दुस्वप्न जैसे थे। बस खाई में जाते-जाते एक माइलस्टोन सेे अटककर रुक गई, तो सबकी जान में जान आई।
लोहाघाट डिपो की बस मंगलवार को लोहाघाट से रुद्रपुर के लिए रवाना हुई। यहां से करीब 18 किमी दूर स्वांला के पास एकाएक ब्रेक फेल हो गए। सामने खड़े ट्रक से बचने के लिए चालक ने ब्रेक लगाए, तो ब्रेक नहीं लगे और बस आगे बढ़ती रही।
चालक आंगन लाल ने बताया कि जब उन्हें ब्रेक फेल का अहसास हुआ, तब उन्होंने बस को पहाड़ी में टकराया, फिर भी बस नहीं रुकी। सामने से आ रही स्कूटी सवार को भी किसी तरह बचाया और फिर 800 फीट गहरी खाई से बचाने की कोशिश करते-करते बस को माइलस्टोन पर लाकर रोकने में सफलता पाई।
इस पूरे मंजर को देखते हुए यात्रियों के साथ ही सड़क के आसपास के कुछ लोगों की भी जान सांसत में आ गई। सहायक मंडलीय प्रबंधक नरेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि बाद में यात्रियों को रुद्रपुर छोड़ने के लिए लोहाघाट डिपो से चालक जगदीश राम के जरिये दूसरी बस भेजी गई।