
कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से अधिक समय से हम सभी परेशान हैं। ओमिक्रॉन के बाद अब इसके सब-वैरिएंट्स के मामले भी सामने आ रहे हैं, जिसे अध्ययनों में और भी संक्रामक बताया जा रहा है। मसलन, कोरोना का खतरा अभी फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है। शीर्ष वैज्ञानिकों की एक टीम का भी कहना है कि फ्लू की तरह कोरोना के साथ भी हम सबको जीने की आदत डाल लेनी चाहिए। तो क्या हर बार कोरोना लोगों में गंभीर रोग और मौत का कारण बनता रहेगा? क्या इससे बचाव की कोई तरीका नहीं है?
इस संबंध में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने लोगों को जीवनशैली में एक ऐसे बदलाव करने की सलाह दी है, जो ओमिक्रॉन ही नहीं, कोरोना के आने वाले वैरिएंट्स से भी आपको सुरक्षित रखने में मदद करती रहेगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि हम सभी रोजाना पौष्टिक आहार का सेवन करने की आदत डाल लें तो कोरोना के खतरे को कई गुना तक कम कर सकते हैं। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि स्वस्थ आहार, कोविड-19 के जोखिम और इसकी गंभीर जटिलताओं को कम करने में मदद कर सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
वैज्ञानिकों ने स्वस्थ आहार और कोरोना के कम जोखिम के संबंध के बारे में बताया है। इस अध्ययन के लिए फरवरी 2020 में शोधकर्ताओं ने करीब 6 लाख वयस्कों से उनके आहार के बारे में पूछा, इसके बाद सितंबर तक उनके स्वास्थ्य की निगरानी की गई। हार्वर्ड हेल्थ लेटर के कार्यकारी संपादक हेइडी गॉडमैन लिखते हैं, वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों के आहार में फल, सब्जियां और अन्य पौष्टिक चीजें अधिक शामिल थीं, उनमें अन्य लोगों की तुलना में कोविड-19 होने का जोखिम 9 फीसदी तक कम और गंभीर कोविड विकसित होने खतरा 41 प्रतिशत तक कम पाया गया।
हेल्थ लेटर में शोधकर्ता जिक्र करते हैं, खराब आहार और कोविड-19 के जोखिमों के बीच संबंध के बारे में पता चलता है। अगर हम सभी जीवनशैली में सिर्फ स्वस्थ आहार को ही शामिल करने की आदत बना लेते हैं तो निश्चित ही लगभग एक तिहाई से अधिक कोविड-19 संक्रमण के मामलों को रोका जा सकता था। हार्वर्ड से संबद्ध मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में जीनोमिक मेडिसिन के प्रोफेसर जोर्डी मेरिनो कहते हैं, कोरोना के खतरे को कम करने के लिए हम सभी को आहार की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, स्वस्थ भोजन का मतलब खान-पान में संतुलन से है। आप अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थों का आनंद ले सकते हैं, भले ही वह कैलोरी, फैट या शुगर में अधिक हों। ध्यान रखने वाली बात यह है कि आप इसके साथ पौष्टिक स्वस्थ खाद्य पदार्थों और फिजिकल एक्टिविटी का संतुलन बनाए रखें। भोजन में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करके इस लक्ष्य को आराम से प्राप्त किया जा सकता है।
अध्ययनकर्ता कहते हैं, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि कोरोना की महामारी से निपटने के लिए पोषण और मेटाबॉलिज्म स्वास्थ्य में सुधार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। स्वस्थ आहार के सेवन के साथ मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की आदत का पालन करके महामारी को कमजोर किया जा सकता है। पर यह पहल वैश्विक स्तर पर करने की आवश्यकता है। कोरोना के आने वाले खतरों से सुरक्षा के लिए हम सभी को जीवनशैली में यह सामान्य बदलाव अवश्य कर लेना चाहिए।