डॉक्टर को यूंही भगवान का रूप नहीं कहा जाता है, चाहे बात मनुष्य को बचाने की हो या फिर मवेशियों को। दरअसल आज मोटाहल्दू स्थित पशु चिकित्सालय में तैनात डॉ उपेंद्र कुमार जोशी के सामने एक ऐसा ही मामला आया जिसमें गाय के पेट में बच्चा फस गया था। उस वक्त डॉक्टर जोशी को गाय व उसके बचाने बच्चे को बचाने की जिम्मेदारी आ गई थी।
मामला मोटाहल्दू के बकुलिया गांव का है, दरअसल ग्रामीण क्षेत्र में पशुओं के उपचार के लिए इतनी बेहतर सुविधाएं नहीं है। लेकिन उसके बावजूद भी डॉ जोशी ने डॉक्टर धर्म का परिचय देते हुए डिस्टोकिया के तहत गाय और उसके बच्चे की जिंदगी बचा ली।
डॉक्टर जोशी का कहना है कि कई बार गाय-भैंस के पेट में बच्चे फंस जाते हैं, जिससे पशुओं को काफी दिक्कत होती है। ऐसे में कभी-कभी तो बच्चे मर भी जाते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में इन चीजों का उपचार करने के लिए उपकरण नहीं पहुंच पाते हैं।