मन की बात : प्रधानमंत्री मोदी मन की बात कार्यक्रम में बोले, छोटी बात को छोटी मानने की गलती नहीं करनी चाहिए ।

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पीएम मोदी ने कहा कि सियाचिन ग्लेशियर के बारे में हम सभी जानते हैं। वहां की ठंड ऐसी भयानक है, जिसमें रहना आम इंसान के बस की बात ही नहीं है।  कुछ ही दिन पहले सियाचिन के इस दुर्गम इलाके में आठ दिव्यांग जनों की टीम ने जो कमाल कर दिखाया है वो हर देशवासी के लिए गर्व की बात है। शरीर की चुनौतियों के बावजूद भी हमारे इन दिव्यांगों ने जो कारनामा कर दिखाया है वो पूरे देश के लिए प्रेरणा है और जब इस टीम के सदस्यों के बारे में जानेंगे तो आप भी मेरी तरह हिम्मत और हौसले से भर जाएंगे। इन जांबाज दिव्यांगों के नाम हैं – महेश नेहरा, उत्तराखंड के अक्षत रावत, महाराष्ट्र के पुष्पक गवांडे, हरियाणा के अजय कुमार, लद्दाख के लोब्सांग चोस्पेल, तमिलनाडु के मेजर द्वारकेश, जम्मू-कश्मीर के इरफ़ान अहमद मीर और हिमाचल प्रदेश की चोन्जिन एन्गमो। सियाचिन ग्लेशियर को फतह करने का ये ऑपरेशन भारतीय सेना के विशेष बलों के veterans की वजह से सफल हुआ है। यह हमारे देशवासियों के ‘Can Do Culture’ ‘Can Do Determination’ ‘Can Do Attitude’ के साथ हर चुनौती से निपटने की भावना को भी प्रकट करता है

हमारे युवा ‘खादी’ को महत्व दे रहे: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आज आजादी के 75वें साल में हम जब आजादी के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, आज हम संतोष से कह सकते हैं कि आजादी के आंदोलन में जो गौरव ‘खादी’ को था आज हमारी युवा पीढ़ी ‘खादी’ को वो गौरव दे रही है। आज खादी और हैंडलूम का उत्पादन कई गुना बढ़ा है और उसकी मांग भी बढ़ी है। आप भी जानते हैं कि ऐसे कई अवसर आए हैं जब दिल्ली के खादी शोरूम में एक दिन में एक करोड़ रूपए से ज्यादा का कारोबार हुआ है।

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कभी भी छोटी बात को छोटी मानने की गलती नहीं करनी चाहिए
पीएम मोदी ने कहा कि कभी भी छोटी बात को और छोटी चीज को छोटी मानने की गलती नहीं करनी चाहिए। अगर महात्मा गांधी जी के जीवन की तरफ हम देखेंगे तो हम हर पल महसूस करेंगे कि छोटी-छोटी बातों की उनके जीवन में कितनी बड़ी अहमियत थी और छोटी-छोटी बातों को ले करके बड़े बड़े संकल्पों को कैसे उन्होंने साकार किया था। हमारे आज के नौजवान को ये जरुर जानना चाहिए कि साफ-सफाई के अभियान ने कैसे आजादी के आंदोलन को एक निरंतर ऊर्जा दी थी। ये महात्मा गांधी ही तो थे, जिन्होंने स्वच्छता को जन-आन्दोलन बनाने का काम किया था।

नदियों की सफाई सबके प्रयास से ही संभव: पीएम मोदी
हम नदियों की सफाई और उन्हें प्रदूषण से मुक्त करने का काम सबके प्रयास और सबके सहयोग से कर ही सकते हैं। ‘नमामि गंगे मिशन’ भी आज आगे बढ़ रहा है तो इसमें सभी लोगों के प्रयास, एक प्रकार से जन-जागृति, जन-आंदोलन, उसकी बहुत बड़ी भूमिका है।

गुजरात में बारिश की शुरुआत पर जल-जीलनी एकादशी मनाते हैं
पीएम मोदी ने कहा कि जैसे गुजरात में बारिश की शुरुआत होती है तो गुजरात में जल-जीलनी एकादशी मनाते हैं। मतलब की आज के युग में हम जिसको कहते है ‘Catch the Rain’ वो वही बात है कि जल के एक-एक बिंदु को अपने में समेटना, जल-जीलनी।

नदियां अपना जल खुद नहीं पीती, बल्कि परोपकार के लिए देती हैं: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में कहा जाता है कि “पिबन्ति नद्यः, स्वय-मेव नाम्भः”, अर्थात नदियां अपना जल खुद नहीं पीती, बल्कि परोपकार के लिए देती हैं।

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नदी हमारे लिए जीवंत इकाई: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में  विश्व नदी दिवस पर चर्चा की।  उन्होंने कहा कि नदी हमारे लिए जीवंत इकाई है और हमारे देश में इसे मां मानने की परंपरा है। उन्होंने कहा हमारे घर में बच्चे हर दिवस को याद रखते हैं लेकिन एक और दिवस ऐसा है जो हम सबको याद रखना चाहिए और ये दिवस ऐसा है जो भारत की परम्पराओं से बहुत सुसंगत है। सदियों से जिस परम्पराओं से हम जुड़े हैं उससे जोड़ने वाला है।

पीएम मोदी बोले- कभी भी छोटी बात को छोटी मानने की गलती नहीं करनी चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार को एक बार फिर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए राष्ट्र को संदेश दे रहे हैं। हर बार की तरह ही इस कार्यक्रम को सुबह 11 बजे आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क और आकाशवाणी समाचार और मोबाइल एप पर भी प्रसारित किया जा रहा है।


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