
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को आरएसएस और काली टोपी का किस्सा सुनाकर राहुल गांधी पर जमकर तंज कसे। कोश्यारी ने कहा कि राहुल गांधी का मानना था कि उत्तराखंड की पारंपरिक काली टोपी, जो वह पहनते हैं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी है। साथ ही राहुल मानते थे कि हिंदुत्व के विचारक वीर सावरकर संघ से थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी पुस्तक ‘भारतीय संसद में भगत सिंह कोश्यारी’ के विमोचन के मौके पर ये बात कही। कोश्यारी ने कहा कि सरकार को संसद के पिछले सत्र में उस तरह की स्थिति से निपटना होगा, जब उनके जैसे लोग (राहुल गांधी) विपक्ष का नेतृत्व कर रहे हैं। पुस्तक का विमोचन दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में किया गया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अश्विनी कुमार चौबे, कोश्यारी और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम जाजू मौजूद थे। चाणक्य वार्ता प्रकाशन समूह ने कोश्यारी द्वारा भारतीय संसद के दोनों सदनों राज्यसभा एवं लोकसभा में दिए गए भाषणों का संकलन प्रकाशित किया है। इस किताब में कोश्यारी द्वारा याचिका समिति के अध्यक्ष के रूप में लिए गए अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों की रिपोर्ट भी प्रकाशित की गई है। 450 पृष्ठों की इस पुस्तक में कोश्यारी के जीवन से जुड़े हुए महत्वपूर्ण छायाचित्रों को भी संकलित किया गया है। यह पुस्तक चार खंडों में विभाजित है। कोश्यारी के भाषण से पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सत्र में विपक्ष के रवैये की आलोचना की। उन्होंने संसद में एक सांसद के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल की ईमानदार और सम्मानजनक भूमिका की सराहना की। गोयल ने कहा कि संसद में जो कुछ हुआ, उससे उन्हें दुख हुआ होगा।
अपने भाषण में कोश्यारी ने कहा कि बहुत से लोग उनकी काली टोपी को देखकर उसी तरह प्रतिक्रिया देंगे जैसे एक बैल लाल कपड़ा दिखाने पर करता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मुझसे (तत्कालीन भाजपा सांसद) पूछा कि आप काली टोपी क्यों पहनते हैं? मैंने उनसे कहा कि लोग इसे उत्तराखंड में पहनते हैं। इस पर राहुल ने कहा- नहीं, नहीं, आप आरएसएस से हैं। मैंने कहा कि मैं आरएसएस से हूं लेकिन टोपी उत्तराखंड की है। आरएसएस की स्थापना से पहले से लोग इसे वहां पहनते आए हैं।