बिहार में रेलवे भर्ती बोर्ड की एनटीपीसी परीक्षा में धांधली के विरोध में छात्र बहुत ज्यादा उग्र हो गए। तीसरे दिन के विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने गया में आज ट्रेन में आग लगा दी। इस घटना पर गया के SSP आदित्य कुमार ने कहा छात्र किसी के बहकावे में न आएं। सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। रेलवे ने एक कमेटी का गठन किया है जो जांच करेगी। कुछ छात्रों की पहचान हुई है। कार्रवाई जारी है। एसएसपी आदित्य कुमार ने दावा करते हुए कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।
वहीं, छात्रों के बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमने छात्रों की मांग की जांच के लिए कमेटी बनाई है। हमने छात्रों को उनकी चिंताएं जाहिर करने के लिए 16 फरवरी यानी तीन हफ्तों का समय दिया है। मुद्दों के हल के लिए सभी कमेटियों को अपने प्रस्ताव देने के लिए 4 मार्च तक का समय दिया है। उससे पहले भी हो सकता है।
रेल मंत्री ने कहा कि शुरू में इसके लिए जो परीक्षा को कंडक्ट करने के लिए एप्लीकेशन आईं, दोनों में एक करोड़ से ज्यादा आवेदन आए। जो हमने एग्जाम के लिए एजेंसी ली, उसे हायर करने के लिए हमें छह महीने लगे। करोड़ो लोगों की परीक्षा कराना बड़ा टास्क है। कोरोना के फेज में देरी हुई, लेकिन परीक्षा की प्रक्रिया चालू रही।
उन्होंने कहा कि जो दूसरा वाला ग्रुप-डी का एग्जाम है। पांच लाख के करीब आवेदन ऐसे थे, जिनमें फोटो मैच नहीं हो रहे थे। जब फोटो नहीं मैच हो रहे थे, तो एग्जाम कैसे लिए जा सकते थे। जैसे ही इस पर आगे फैसला हुआ, हमने तुरंत एग्जाम लिए। पीएम मोदी सरकार का इंटेंट रोजगार बढ़ाने का है। एक लाख 40 हजार वैकेंसी लाना कोई छोटी बात नहीं है।उन्होंने कहा कि प्रिलिमनरी एग्जाम इतना बड़ा फेज है कि इसमें कई लोगों की परीक्षा छूट गई। इसलिए हमने उन्हें दोबारा मौका देने का फैसला किया। इसलिए सरकार को एग्जाम कराने और फिर उनके नतीजे जारी करने में समय लग रहा है। हमारी नीति प्रो-स्टूडेंट रही हैं। हम सिर्फ छात्र के हितों के बारे में सोच रहे हैं। आज जो मुद्दा है वो शॉर्टलिस्ट कैंडिडेट कौन हैं? इस मुद्दे को भी हम जल्दी सुलझाएंगे।