चिपको आंदोलन के नेता और विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का आज निधन हो गया। पर्यावरणविद् बहुगुणा पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हुए थे, जिसके बाद उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती करवाया गया था। यहां उनका इलाज चल रहा था, लेकिन शुक्रवार की दोपहर 12 बजे 95 वर्ष की उम्र में उन्होंने अस्पताल में आखिरी सांस ली है
पर्यावरणविद् बहुगुणा के निधन की खबर मिलते ही देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन पर प्रधानमंत्री, राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन समेत अन्य लोगों ने दुख जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा जी का निधन हमारे देश के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की सदियों पुरानी परंपरा को जोड़े रखा। उनकी सादगी और करुणा की भावना को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।
सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शोक प्रकट किया। ट्वीट पर लिखा कि चिपको आंदोलन के प्रणेता, विश्व में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध महान पर्यावरणविद् पद्म विभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार मिला। यह खबर सुनकर मन बेहद व्यथित हैं। यह सिर्फ उत्तराखंड के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
चिपको आंदोलन के प्रणेता, विश्व में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध महान पर्यावरणविद् पद्म विभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार मिला। यह खबर सुनकर मन बेहद व्यथित हैं। यह सिर्फ उत्तराखंड के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शोक व्यक्त किया
वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर लिखा- ‘चिपको आंदोलन के प्रणेता, पर्यावरण चेतना के प्रखरतम संवाहक, पद्मविभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणा के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। मैं अपनी संवेदना प्रकट करता हूं।’ चौहान ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना की है।