प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में रोड शो किया। इस रोड शो के दौरान वे ठेठ बनारसी अंदाज में गमछा लिए हुए थे। खादी की सदरी पहने मोदी ने भगवा टोपी भी पहन रखी थी। बनारसी गमछा, खादी की सदरी के साथ मोदी की टोपी की चर्चा इस रोड शो में सबसे ज्यादा रही। मोदी ने पहली बार इस तरह की टोपी पहनी। इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
ऐसा पहली बार नहीं है जब मोदी को कोई परिधान चर्चा में आया हो। इससे पहले भी कई बार मोदी अपने पहनावे की वजह से चर्चा में आ चुके हैं। अक्सर देखा जाता है कि प्रधानमंत्री जहां जाते हैं वहां के परिधान में नजर आ जाते हैं। कई रैलियों के दौरान वे उस क्षेत्र विशेष के पहनावे में होते हैं। इस चुनाव के दौरान भी पंजाब की रैलियों में मोदी पगड़ी पहने नजर आए। उत्तराखंड में भी उत्तराखंडी टोपी पहनकर मोदी ने रैली को संबोधित किया।
पीएम मोदी ने बनारसी गमछे और खादी की सदरी से वोकल फॉर लोकल और बनारसीपन का संदेश दिया। वहीं, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अंदाज में पहनी गई भगवा टोपी से पीएम बनारस एक तरफ बंगाली मतदाताओं को रिझाते नजर आए तो दूसरी तरफ भाजपा के एजेंडे को साधते भी दिखे।
प्रधानमंत्री मोदी की भगवा टोपी बनी चर्चा का विषय, इस अंदाज के क्या हैं मायने?।
