पौड़ी गढ़वाल : जयानन्द भारती की जयंती राजकीय मेला घोषित,पंचपुरी हमारे लिए तीर्थ के समान – महाराज

Spread the love

स्वतंत्रता संग्राम के आन्दोलन में कर्मवीर जयानन्द भारती जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उनकी जयंती पर प्रतिवर्ष लगने इस प्रसिद्ध मेले को मैं राजकीय मेला घोषित करता हूँ। उक्त बात रविवार को विकासखण्ड बीरोंखाल स्थित पंचपुरी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री जयानन्द भारती की 141 वीं जयंती पर आयोजित समारोह में बोलते हुए प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कही।

विकासखण्ड बीरोंखाल स्थित साबली, पंचपुरी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री जयानन्द भारती की 141 वीं जयंती पर आयोजित होने वाले मेले में रविवार को स्थानीय विधायक, प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

श्री सतपाल महाराज ने साबली, पंचपुरी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, उत्तराखंड रत्न श्री जयानन्द भारती की 141 वीं जयंती पर प्रतिवर्ष लगने वाले मेले का उद्घाटन करते हुए एक ओर जहां इस मेले को राजकीय मेला घोषित किया वहीं दूसरी ओर उन्होने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में होने वाले विकास कार्यों के विषय में भी जनता को विस्तार से जानकारी दी।

श्री महाराज ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री जयानन्द भारती सामाजिक चेतना के सजग प्रहरी होने के साथ-साथ डोला-पालकी आन्दोलन के भी अग्रदूत थे। इस आन्दोलन का मकसद शिल्पकारों के दूल्हा-दुल्हनों को डोला-पालकी में बैठने के अधिकार बहाल कराना था। इसके लिए श्री भारती जी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुकदमा भी दायर किया था जिसका निर्णय 20 वर्षों बाद शिल्पकारों के पक्ष में हुआ। इसलिए पंचपुरी हमारे लिए किसी तीर्थ से कम नहीं है।

और पढ़े  उत्तराखंड: तैयार हुआ राज्य का पहला साइंस रेडियो स्टेशन,ट्यून करें 88.8 MHz पर...वैज्ञानिक होंगे आपसे रूबरू

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री एवं स्थानीय विधायक श्री महाराज ने कहा कि उत्तराखंड रत्न श्री जयानन्द भारती स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान तत्कालीन अंग्रेज गवर्नर मैलकम हेली के पौड़ी दौरे के समय उन्हें काले झण्डे दिखाते हुए मैलकम हेली वापस जाओ के नारे भी लगाये थे। ब्रिटिश सरकार के विरोध में भाषण देने और नारे लगाने के विरोध में पुणे गिरफ्तार कर कारावास में डाल दिया गया।

श्री महाराज ने कहा कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक फिल्म का निर्माण भी किया जाएगा साथ ही आगामी वर्षों में इस मेले को भूत रूप में आयोजित किया जाएगा।

इस अवसर पर विश्व बन्धु भास्कर द्वारा सम्पादित स्व. शांति प्रकाश प्रेम प्रभाकर की अप्रकाशित पुस्तक का भी श्री महाराज जी द्वारा विमोचन किया गया।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!