बंगाल के नारदा घोटाला मामले में चार तृणमूल कांग्रेस नेताओं के हाउस अरेस्ट करने के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने चारों नेताओं को घर में नजरबंद रहने का आदेश दिया था। सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट में आज की सुनवाई को टालने की मांग की है।
कोलकाता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तृणमूल कांग्रेस के चारों नेताओं को हाउस अरेस्ट रहने का आदेश दिया था। यह फैसला कोलकाता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने सुनाया । हालांकि फैसले को लेकर पीठ में आम सहमति नहीं दिखी। कोलकाता हाईकोर्ट ने टीएमसी के दो मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा एवं कोलकाता के पूर्व मेयर शोबन चटर्जी को जमानत दे दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अंतरिम जमानत दी गई , लेकिन चारों हाउस अरेस्ट रहेंगे।
गौरतलब है कि सीबीआई ने जब टीएमसी नेताओं के खिलाफ दबिश दी और जांच शुरू की थी तो अहम सबूत मिलने का दावा किया। सीबीआई ने टीएमसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद सीबीआई दफ्तर के बाहर हंगामा और पथराव किया गया। टीएमसी कार्यकर्ताओं पर पथराव करने का आरोप लगा। गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सीबीआई को चुनौती दी थी कि हिम्मत हो तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाए.