विगत दिनों क्षेत्र में हुई नाॅनस्टाप अतिवृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त ही नहीं रहा बल्कि लोगों की संपत्तियों को भी काफ़ी संख्या में नुकसान हुआ है।अब मौसम के खुलने से कुछ आवाजाही हो पा रही है।
उसी अतिवृष्टि के दरमियान नारायणबगड़ में स्थापित उत्तरांचल युवा एवं ग्रामीण विकास केंद्र के ऊपर जंगल में बादल फटने से संस्थान पूरी तरह मलवा पत्थरों से पट गया। वहां रह रहे कर्मचारियों ने किसी तरह भागकर अपनी जानें बचाई।यह संस्थान सन् 1984 से यहां ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनमानस के लिए विभिन्न विकासोन्मुखी कार्यक्रम संचालित करता रहा है।इसी संस्थान में युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं। किंतु अब इसी संस्थान में बादल फटने के कारण तबाही से सन्नाटा पसरा हुआ है।
इस परिप्रेक्ष्य में मंगलवार को संस्थान के सचिव डॉ हरपाल सिंह नेगी ने तहसीलदार नारायणबगड़ को ज्ञापन देकर निवेदन किया है कि उक्त संस्थान के चारों ओर की सुरक्षा दीवारें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं और पूरे परिसर मलवा पत्थरों से भर गया है।लिखा है कि निचली मंजिल पूरी तरह मलवे से भर गया है। उन्होंने प्रशासन से प्रार्थना की है कि घटनास्थल का निरीक्षण कर संबंधित विभागों को संस्थान परिसर में सुरक्षा दीवारें बनवाने और मलवा पत्थरों को हटाने का निर्देश दिए जाएं।
तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह देव ने कहा कि उक्त संस्थान का निरीक्षण करने के बाद नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।