चारधाम यात्रा अंतिम पड़ाव पर : केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर होंगे बंद,विजय दशमी पर घोषित होगी बदरीनाथ धाम की बंद होने की तिथि ।

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उत्तराखंड चारधाम यात्रा अब समाप्ति की ओर है। भैया दूज पर हर साल की तरह इस बार भी केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। वहीं विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि शुक्रवार को विजय दशमी के दिन विधि-विधान से पंचाग गणना के बाद तय की जाएगी।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि हर साल विजय दशमी के दिन तय की जाती है। शुक्रवार को विजय दशमी पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की जाएगी। इसके अलावा पंच पूजाओं का कार्यक्रम, श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी के पांडुकेश्वर आगमन और आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ आने का कार्यक्रम भी घोषित होगा।
साथ ही आगामी यात्राकाल 2022 के लिए हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की जाएगी। इस अवसर पर रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, सुनील तिवारी, राजेंद्र चौहान, गिरीश चौहान, कृपाल सनवाल सहित वेदपाठी व आचार्य गण, हकहकूकधारी, तीर्थयात्रीगण और पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
हरीश गौड़ ने बताया कि परंपरा के अनुसार केदारनाथ धाम व यमुनोत्री मंदिर के कपाट भैया दूज को बंद हो जाते हैं। इसलिए इस साल दोनों धाम के कपाट भैया दूज के अवसर आगामी छह नवंबर को बंद हो जाएंगे। जबकि हर साल की तरह इस साल भी गंगोत्री मंदिर के कपाट गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पर्व पर पांच नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो जाएंगे।

इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि तथा डोली यात्रा कार्यक्रम और श्री मद्महेश्वर मेला की तिथि भी विजयदशमी के अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तय होगी।

और पढ़े  उत्तराखंड मानसून: बोल्डर गिरने के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित, हाईवे बंद, जगह-जगह रोके गए तीर्थयात्री

17 अक्तूबर को बंद होंगे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट
मध्य हिमालय में चतुर्थ केदार के रूप में विख्यात भगवान रुद्रनाथ के कपाट 17 अक्तूबर को कार्तिक संक्रांति के पावन पर्व पर ब्रह्ममुहूर्त में अभिषेक पूजा के बाद शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। उसी दिन भगवान की उत्सव डोली पनार बुग्याल और सगर गांव से होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो जाएगी।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष अनसूया प्रसाद भट्ट, रुद्रनाथ के पुजारी धर्मेंद्र तिवाड़ी, गोपीनाथ-रूद्रनाथ मंदिर के प्रबंधक आशुतोष भट्ट और हकहकूकधारी देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि भगवान रूद्रनाथ मंदिर के कपाट रीति-रिवाज के तहत 17 अक्तूबर को बंद कर दिए जाएंगे। उसी दिन भगवान रुद्रनाथ शीतकालीन गद्दीस्थल गोपीनाथ मंदिर में स्थापित कर दी जाएगी।


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