उत्तराखंड राज्य में आज पलायन इतना बड़ा चिंता का विषय बना हुवा जो की खतम होने का नाम नहीं ले रहा है इस समस्या के लिए आखिर जिमेवार कोन है राज्य सरकार हर बार नए नए प्रयाश करती है पर अंत में कहानी जहा सुरु वही खतम किया कभी रुकेगा पहाड़ से पलायन खिले गा पहाड़ो में फिर बसंत चोमाश के रंग बिरंगे फूल पहाड़ो से पलायन का मुख्य कारण रोजगार शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधा बताया जाता है वैसे तो आज भी यह समस्या वैसे ही चिंता का विषय बना हुवा है फिर भी राज्य सरकार भी हर तरह से इस समस्या पर अंकुश लगाने को कार्य कर रही है आप को बता दे की वर्तमान में उत्तराखंड के दोनों मंडलो में पहाड़ी किसानो को नया रोजगार दिया गया जिसमे उनको भींन भींन प्रजाति के फूलो को उगाना हैपहले तो यह लोग आलू प्याज मंडवा झगोरा आदि पहाड़ी उत्पादनो तक अपना थोड़ा बहुत रोजगार करते थे वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा दी गई किसानो को कम समय में इन फूलो को त्यार करने की एक स्वरोजगारयोजना से जोड़ा गया है आप को बताते चले की इन फुलो को त्यार करने में इन किसानो का प्रकति सहायक रूप में मदद करती है जैसे की अगर धुप पानी जल आदि पर्याप्त मात्रा में न भी मिले तो इनको कोई नकसान नहीं इसमें सरकार द्वारा किसानो को
और सबसे बड़ी बात इन फूलो को जंगली जानवरो से भीकोई खतरा नहीं है इसके लिए सरकार द्वारा किसानो को फलावर प्लांट त्यार करने हेतु मसिने उपलब्ध कराइ गई
चम्पावत : उत्तराखंड राज्य में पलायन बड़ा चिंता का विषय।
