कश्मीर टारगेट किलिंग : – दून पुलिस ने कश्मीरी छात्रों को लिया हिरासत में, एजेंसियों से मिले थे इनपुट ।

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पिछले कुछ महीनों से कश्मीर में चल रहे घटनाक्रम को लेकर उत्तराखंड पुलिस भी सतर्क है। गुरुवार को कुछ कश्मीरी छात्रों को पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने उठाया और उनसे पूछताछ की। सूचना थी कि कुछ लोग जो कश्मीर में आपराधिक घटनाओं में शामिल हैं वो इनसे मिले हैं। हालांकि, देर शाम तक चली पूछताछ में एसटीएफ को ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। बता दें कि बीते कुछ महीनों में कश्मीर घाटी काफी अशांत दिखी है। वहां पर 1990 के बाद एक बार फिर से गैर-मुस्लिमों की हत्या के मामले सामने आए हैं। टारगेट किलिंग के इन मामलों ने देश की सुरक्षा एजेंसियों के कान तो खड़े किए ही, साथ ही सरकार के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो गयीं। ऐसे में वहां पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की कमर तोड़ने को सुरक्षा एजेंसियों ने ऑपरेशन भी चलाए।
इस बीच उत्तराखंड पुलिस को भी कुछ इनपुट मिले थे। बताया जा रहा है कि कुछ लोग जो वहां पर इन गतिविधियों में शामिल रहे हैं वो देहरादून में रह रहे कश्मीरी छात्रों के संपर्क में हैं। सूचना तो यहां तक भी थी कि वह लोग इनके पास आए हैं। इन्हीं सूचनाओं की तस्दीक के लिए पुलिस ने कुछ कश्मीरी छात्रों को उठाया था।
पुलिस को गतिविधियों में शामिल होने संबंधी कोई जानकारी नहीं मिली
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उनसे नियमानुसार प्रेमनगर थाने लेकर पूछताछ की गईं। लेकिन, इस पूछताछ में पुलिस को ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली कि जिससे लगे कि ये छात्र या इनका कोई संबंधी इन गतिविधियों में शामिल हो। बताया जा रहा है कि पुलिस की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। 

और पढ़े  नैनीताल हाईकोर्ट: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने इस वजह से लगा दी रोक।।

पहले भी पकड़े गए हैं स्लीपर सेल
देहरादून में ऐसे इनपुट पहली बार नहीं आए हैं। इससे पहले भी इनपुट पर जब पुलिस ने जांच की तो बड़े मामलों का खुलासा हुआ। पता चला कि यहां पर आतंकवादियों के स्लीपर सेल सक्रिय हैं। वर्ष 2003 में यहां से कुछ स्लीपर सेल से संबंधित लोगों को पकड़ा गया था। यह विभिन्न आतंकवादी गुटों से संबंधित थे। कश्मीर में चल रहे तनाव के मद्देनजर उत्तराखंड में भी लगभग चार से पांच हजार कश्मीरी छात्र शिक्षा ले रहे हैं। 

पहले भी गिरफ्तार हुए आतंकी
– प्रेमनगर में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी दबोचा गया।
– 2001 में क्लमेंटाउन में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी की गिरफ्तारी हुई।
– मुंबई में हुए बम ब्लास्ट में एटीएस 2007 में सेलाकुई से एक आतंकी को पकड़कर ले गई थी। एक अन्य कालेज से संदिग्ध कश्मीरी की गिरफ्तारी हुई थी।
– 2008 में यूपी एसटीएफ ने ऋषिकेश से हूजी के एक संदिग्ध को पकड़ा था। हाल ही में नाभा जेल पर हमला कर खालिस्तानी आतंकी को छुड़ाने की साजिश भी आतंकियों ने देहरादून में रहकर ही रची थी।
– शोएब अहमद लोन देहरादून के प्रेम नगर स्थित अल्पाइन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी एंड मैनेजमेंट में बीटेक (आईटी) का छात्र था। उसने 2018 में अपना सेकंड ईयर कंप्लीट किया था। उसके बाद वह दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम स्थित अपने घर गया था। एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि उसने चौथा सेमेस्टर पूरा किया और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुआ और हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया ।कश्मीर टारगेट किलिंग : – दून पुलिस ने कश्मीरी छात्रों को लिया हिरासत में, एजेंसियों से मिले थे इनपुट । पिछले कुछ महीनों से कश्मीर में चल रहे घटनाक्रम को लेकर उत्तराखंड पुलिस भी सतर्क है। गुरुवार को कुछ कश्मीरी छात्रों को पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने उठाया और उनसे पूछताछ की। सूचना थी कि कुछ लोग जो कश्मीर में आपराधिक घटनाओं में शामिल हैं वो इनसे मिले हैं। हालांकि, देर शाम तक चली पूछताछ में एसटीएफ को ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। बता दें कि बीते कुछ महीनों में कश्मीर घाटी काफी अशांत दिखी है। वहां पर 1990 के बाद एक बार फिर से गैर-मुस्लिमों की हत्या के मामले सामने आए हैं। टारगेट किलिंग के इन मामलों ने देश की सुरक्षा एजेंसियों के कान तो खड़े किए ही, साथ ही सरकार के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो गयीं। ऐसे में वहां पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की कमर तोड़ने को सुरक्षा एजेंसियों ने ऑपरेशन भी चलाए।
इस बीच उत्तराखंड पुलिस को भी कुछ इनपुट मिले थे। बताया जा रहा है कि कुछ लोग जो वहां पर इन गतिविधियों में शामिल रहे हैं वो देहरादून में रह रहे कश्मीरी छात्रों के संपर्क में हैं। सूचना तो यहां तक भी थी कि वह लोग इनके पास आए हैं। इन्हीं सूचनाओं की तस्दीक के लिए पुलिस ने कुछ कश्मीरी छात्रों को उठाया था।
पुलिस को गतिविधियों में शामिल होने संबंधी कोई जानकारी नहीं मिली
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उनसे नियमानुसार प्रेमनगर थाने लेकर पूछताछ की गईं। लेकिन, इस पूछताछ में पुलिस को ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली कि जिससे लगे कि ये छात्र या इनका कोई संबंधी इन गतिविधियों में शामिल हो। बताया जा रहा है कि पुलिस की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। 

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पहले भी पकड़े गए हैं स्लीपर सेल
देहरादून में ऐसे इनपुट पहली बार नहीं आए हैं। इससे पहले भी इनपुट पर जब पुलिस ने जांच की तो बड़े मामलों का खुलासा हुआ। पता चला कि यहां पर आतंकवादियों के स्लीपर सेल सक्रिय हैं। वर्ष 2003 में यहां से कुछ स्लीपर सेल से संबंधित लोगों को पकड़ा गया था। यह विभिन्न आतंकवादी गुटों से संबंधित थे। कश्मीर में चल रहे तनाव के मद्देनजर उत्तराखंड में भी लगभग चार से पांच हजार कश्मीरी छात्र शिक्षा ले रहे हैं। 

पहले भी गिरफ्तार हुए आतंकी
– प्रेमनगर में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी दबोचा गया।
– 2001 में क्लमेंटाउन में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी की गिरफ्तारी हुई।
– मुंबई में हुए बम ब्लास्ट में एटीएस 2007 में सेलाकुई से एक आतंकी को पकड़कर ले गई थी। एक अन्य कालेज से संदिग्ध कश्मीरी की गिरफ्तारी हुई थी।
– 2008 में यूपी एसटीएफ ने ऋषिकेश से हूजी के एक संदिग्ध को पकड़ा था। हाल ही में नाभा जेल पर हमला कर खालिस्तानी आतंकी को छुड़ाने की साजिश भी आतंकियों ने देहरादून में रहकर ही रची थी।
– शोएब अहमद लोन देहरादून के प्रेम नगर स्थित अल्पाइन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी एंड मैनेजमेंट में बीटेक (आईटी) का छात्र था। उसने 2018 में अपना सेकंड ईयर कंप्लीट किया था। उसके बाद वह दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम स्थित अपने घर गया था। एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि उसने चौथा सेमेस्टर पूरा किया और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुआ और हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया ।


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