
उत्तर प्रदेश की तरह पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी भाजपा बड़ी संख्या में नए उम्मीदवार मैदान में उतार सकती है। विधानसभा चुनाव समितियों के माध्यम से वर्तमान विधायकों का मूल्यांकन कराया जा रहा है और क्षेत्र की जनता से उनके बारे में राय ली जा रही है। जिन विधायकों का कामकाज संतोषजनक नहीं पाया जाएगा, पार्टी उन सभी विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर रही है। विधानसभा चुनाव समितियां 14 जनवरी तक पार्टी को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगी। इसके बाद राज्य की विधानसभा चुनाव समिति की बैठक होगी, जिसमें उम्मीदवारों के बारे में निर्णय लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा वर्तमान 57 विधायकों में से लगभग 20 विधायकों का टिकट काट सकती है। मंत्रियों के टिकट बरकरार रह सकता है। 21 जनवरी तक सभी उम्मीदवारों के नाम सामने आ जाने का अनुमान है।उत्तराखंड भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी इस बार विधायकों की छवि पर विशेष ध्यान दे रही है। बेहद साफ-स्वच्छ छवि के उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारा जाएगा। जिन विधायकों के प्रति उनके क्षेत्र की जनता में असतोष है, उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है। सत्ताविरोधी रुझान को कम करने के लिए पार्टी ज्यादा से ज्यादा नए और युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। इस खबर से पहाड़ी राज्य की सियासत में नया तूफान खड़ा हो गया है। राज्य में चुनाव के दूसरे चरण में 14 फरवरी को एक साथ सभी 70 सीटों के लिए मतदान डाले जाएंगे।