कोविड में अनाथ हुए बच्चों को सरकारी एवं अशासकीय स्कूलों में एक से 12वीं तक निशुल्क शिक्षा मिलेगी। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत 21 साल तक के प्रभावित बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। शासन की ओर से शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। सरकार की ओर से कोविड में अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना शुरू की गई है। योजना के शुभारंभ के बाद महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से योजना के दायरे में आने वाले प्रभावित बच्चों के खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के तहत तीन हजार रुपये की धनराशि दी जा रही है, लेकिन इन बच्चों को कुछ अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
अब संयुक्त सचिव जेएल शर्मा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच कोविड या अन्य बीमारियों से अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो चुके 21 साल तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। राज्यपाल की ओर से इसकी स्वीकृति प्रदान की गई है। आदेश वित्त विभाग की सहमति से जारी किया गया है। बता दें कि प्रदेश में कोविड में अनाथ हुए 1706 बच्चों को मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।
मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड में अनाथ हुआ एक भी बच्चा वात्सल्य योजना के लाभ से वंचित नहीं रहना चाहिए। शुक्रवार को सचिवालय सभागार में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की समीक्षा बैठक लेते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जिनके आवेदन पूरे करने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है, अधिकारी उनके आवेदनों की औपचारिकताओं को पूरा करने में खुद भी सहयोग करें।
बैठक में मुख्य सचिव ने बाल विकास विभाग को निर्देश दिए कि किसी कारण आवेदन से छूट गए बच्चों के क्षेत्र में जाकर आवेदन भरवाएं। जबकि स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग और कार्मिक विभाग कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के हित में आवश्यकतानुसार विभागीय नियमावली में जो भी बदलाव किए जाने हैं, उसे करते हुए स्थिति स्पष्ट करें।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभार्थियों को अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने, विद्यालयी शिक्षा को विद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेश, शिक्षा, हॉस्टल में नि:शुल्क बोर्डिंग, उच्च शिक्षा विभाग को निशुल्क ड्रेस व बोर्डिंग, कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को क्षैतिज आरक्षण का प्रतिशत तय करने, प्रशिक्षण के लाभ, नि:शुल्क टूल किट एवं जॉब प्लेसमेंट आदि के संबंध में नियमावली निर्धारण के निर्देश दिए। उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को नि:शुल्क राशन व राशन कार्ड बनवाने एवं कार्मिक विभाग को पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने एवं प्रशिक्षण की आवश्यकता की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए।