उत्तराखंड : अदृश्य शक्ति के साथ विश्व युद्ध चल रहा है सरकार कब नींद से जागेगी हाईकोर्ट

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नैनीताल उच्च न्यायालय ने सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण रोकने, कोविड अस्पतालों की व्यवस्था आदि के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को अपर्याप्त और आधा अधूरा बताते हुए तल्ख टिप्पणियां की हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि वर्तमान में एक अदृश्य शत्रु के साथ तृतीय विश्व युद्ध चल रहा है लेकिन सरकार की ओर से अपेक्षित गंभीरता और तैयारी कहीं नजर नहीं आ रही है। सरकार शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर डालकर बैठी नजर आ रही है। कोरोना के खिलाफ सरकार के प्रयासों को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ  देर शाम छह बजे तक मैराथन सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने पूर्व के आदेश के क्रम में हाईकोर्ट में शपथपत्र पेश किया लेकिन अदालत इस पर संतुष्ट नहीं हुई। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को 20 मई तक दोबारा विस्तृत शपथपत्र पेश करने के निर्देश दिए। एफिडेविट पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इतना घटिया एफिडेविट उन्होंने अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत आपत्तिजनक है कि सरकार कोर्ट को समुचित जानकारी देने के बजाय, उसे अंधेरे में रख रही है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस वजह से वे समाचारपत्रों और नेट से जानकारी जुटा कर लाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

रामनगर में कोई कोविड अस्पताल न होने के कोर्ट के सवाल पर सरकार की ओर से कहा गया कि इसके लिए हल्द्वानी में अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।  इस पर कोर्ट ने कहा कि सचिव की नजर में रामनगर में अस्पताल की जरूरत ही नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी महामारी में भी जो लोग दवा, ऑक्सीजन इत्यादि की जमाखोरी, कालाबाजारी या नकली दवा का धंधा कर रहे हैं उनके लिए कड़ा कानून होना चाहिए। यही नहीं कालाबाजारी करने वालों पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि वैज्ञानिक जनवरी से दूसरी लहर के लिए चेता रहे थे लेकिन सरकार ने आवश्यक तैयारी नहीं की। अब तीसरी लहर आने की चेतावनी दी जा रही है। सरकार बताए कि वह इसके लिए क्या कर रही है।

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