केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष भी 14 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकोरश्वर मंदिर ऊखीमठ से गौरीकुंड सीधे वाहन से पहुंचेगी। यहां रात्रि विश्राम के बाद डोली 15 को धाम पहुंच जाएंगी। जहां दो दिन विश्राम के बाद 17 मई को धाम के कपाट खोले जाएंगे।
ओंकोरश्वर मंदिर परिसर में रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में प्रशासन, देवस्थान बोर्ड, तीर्थपुरोहित समाज व हक-हकूकधारियों की बैठक आयोजित की गई। लगभग दो घंटे की मंत्रणा के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल से अपने धाम के लिए वाहन से प्रस्थान करते हुए सीधे गौरीकुंड पहुंचेगी।
इस दौरान तय स्थानों पर परंपराओं के निर्वहन के तहत सिर्फ पूजा-अर्चना होगी। प्रशासन द्वारा अवगत कराया गया कि वैश्विक महामारी कोरोना घातक रूप ले चुकी है। इसलिए सावधानी के तौर पर डोली को गौरीकुंड तक वाहन से पहुंचाने का निर्णय लिया गया है।
तय तिथि पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ बाबा केदार की चल उत्सव डोली को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से वाहन से गौरीकुंड के लिए रवाना किया जाएगा। बैठक में तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों ने बताया कि धाम जाने की अनुमति के लिए 21 लोगों की सूची प्रशासन को सौंप दी गई है।