इस महामारी के बीच लोग जहां बढ़-चढ़कर मरीजों व उनके परिजनों की मदद कर रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो प्लाज्मा दान करने से लेकर अस्पताल में बेड उपलब्ध कराने के नाम पर खेल कर रहे हैं। कुछ अस्पताल प्रबंधनों ने इसमें किसी बड़े गिरोह के संचालित होने की आशंका जताई है।
कोरोना काल में पहले जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन, अन्य जरूरी दवाओं, ऑक्सीजन गैस सिलिंडर, पल्स ऑक्सीमीटर, फ्लो ऑक्सीमीटर की जमाखोरी और कालाबाजारी की समस्या आ रही थी। वहीं, अब कुछ लोग प्लाज्मा और अस्पताल में बेड उपलब्ध कराए जाने के नाम पर भी खेल कर रहे हैं। ऐसी आशंका शहर के कुछ अस्पतालों के प्रबंधनों ने जताई है।
उनका कहना है कि एनजीओ के नाम पर दिन भर से लेकर देर रात तक उन्हें कॉल आ रही हैं। कुछ कॉल तो दिल्ली, मुंबई के अलावा दुबई और अन्य देशों से भी आने की बात कही गई है। इनमें से कॉल करने वाले कई लोग तो न मरीज की स्थिति ठीक से बता पाते हैं।
न किस अस्पताल में भर्ती हैं इसकी जानकारी दे रहे हैं। कई बार अस्पतालों में संबंधित मरीज के लिए बेड तो बुक कर दिया जाता है, लेकिन मरीज नहीं पहुंच पाता है। इससे अन्य जरूरतमंद मरीजों को भी बेड की सुविधा नहीं मिल पाती है