ब्रेकिंग न्यूज :

क्यों लगी ऐसी पाबंदी- अब यहाँ नहीं पहन सकते कर्मचारी महंगे कपड़े,और ना ही फाइव स्टार होटल में रुक सकते है |

Spread the love

क्यों लगी ऐसी पाबंदी- अब यहाँ नहीं पहन सकते कर्मचारी महंगे कपड़े,और ना ही फाइव स्टार होटल में रुक सकते है |

चीन इन दिनों देश में मौजूद आर्थिक असमानता को खत्म करने पर जोर दे रहा है। इसके लिए वित्तीय कंपनियों में एक खास मितव्ययिता अभियान (Austerity Push) की शुरुआत की गई है। अभियान के अंतर्गत कर्मचारियों के वेतन और बोनस में कटौती करने, काम पर महंगे कपड़े और घड़ियां न पहनने के लिए कहने से लेकर यात्रा और मनोरंजन के खर्चों पर लगाम लगाने तक को कहा जा रहा है। आइए जानते हैं…

चीन का नया अभियान?
इस साल की शुरुआत में चीन के शीर्ष भ्रष्टाचार विरोधी संस्था ने बड़ी-बड़ी कंपनियों के शीर्ष पर बैठे ‘वित्तीय अभिजात वर्ग’ की पश्चिमी सोच को खत्म करने का एलान किया था। इसने सरकारी और निजी कंपनियों को सक्रिय उपाय करने के लिए कहा, ताकि वे सरकार के साथ ईमानदार रहें। इसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ‘आम समृद्धि’ अभियान कहा गया।

क्या-क्या है अभियान में?
संस्था द्वारा जारी उपायों में कई निर्देश शामिल दिए गए हैं। इसके अनुपालन में एक बड़े म्युचुअल फंड और एक मध्यम आकार के बैंक के कर्मचारियों को शो ऑफ नहीं करने का निर्देश दिया गया है।

म्यूचुअल फंड ने कर्मचारियों से सोशल मीडिया पर महंगे भोजन, कपड़े या बैग की तस्वीरें पोस्ट करने से परहेज करने को भी कहा है, ताकि नियामक जांच या सार्वजनिक आलोचना से बचा जा सके।

वहीं, मध्यम आकार के बैंक के कर्मचारियों को कार्यस्थल पर लक्जरी ब्रांड नहीं पहनने या लक्जरी बैग नहीं ले जाने के लिए कहा गया है। कर्मचारियों को यह भी बताया गया है कि वे काम के लिए यात्रा करते समय फाइव स्टार होटलों में नहीं रह सकते।

और पढ़े  मुंबई नौका त्रासदी:- मुंबई तट के पास नौसेना के पोत ने खोया नियंत्रण और जा टकराया 'नीलकमल' से, 13 लोगों की हुई मौत 

एक सरकारी बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को भी काम करने के लिए महंगे कपड़े नहीं पहनने के लिए कहा गया है।

क्या है पाबंदियां ?
इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (ICBC) और चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक कॉर्प (CCB) इस साल से बैंकों के मुख्यालय में कर्मचारियों के कुछ भत्तों में कटौती करने की योजना बना रहे हैं। बंद होने वाले भत्तों में लगभग 210 डॉलर का ग्रीष्मकालीन भत्ता शामिल है। जानकारी के मुताबिक, भत्ते को इस महीने से समाप्त कर दिया जाएगा।

वेतन, बोनस में कटौती
CITIC सिक्योरिटीज अपने निवेश बैंकिंग डिवीजन में वेतन में कटौती कर रहा है। CITIC आधार वेतन को 15 फीसदी तक कम कर रहा है। वहीं, घरेलू कंपनी चाइना इंटरनेशनल कैपिटल कॉर्प (CICC) ने पिछले महीने निवेश बैंकरों के लिए इस साल के बोनस में एक साल पहले की तुलना में 30% से 50% की कटौती की है।

उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि फर्म भी अपने कर्मचारियों की आकर्षक जीवन शैली पर लगाम लगा रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं।

पहले भी इस तरह के कदम उठाए हैं?
चीनी राष्ट्रपति शी अपने तीसरे कार्यकाल में सरकारी निकायों के पुनर्गठन पर ध्यान दे रहे हैं। देश की वित्तीय व्यवस्था में पार्टी की वैचारिक और राजनीतिक भूमिका को मजबूत करने के लिए वह एक नया वित्तीय नियामक स्थापित कर रहे हैं।

सुधारों के आदेश के बाद चीन के प्रतिभूति नियामक और केंद्रीय बैंक ने मार्च 2023 में कर्मचारियों के वेतन के लिए बजट आवंटन में कटौती की। इसमें उनके कर्मचारियों के वेतन को सरकारी कर्मचारियों के बराबर रखने को कहा गया था।

और पढ़े  भीषण हादसा: मौत का तांडव- जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट में 11 लोगों की मौत, 35 झुलसे, 14 लापता

क्यों चलाया जा रहा है ये अभियान?
दरअसल, चीन में वित्तीय संस्थाओं से जुड़े पेशेवर देश में सबसे अधिक वेतन पाने वाले श्रमिकों में से हैं। उनकी दौलत और आकर्षक जीवन शैली अक्सर जनता की आलोचना का शिकार होती है। रिपोर्ट्स की मानें तो अभियान देश के 57 ट्रिलियन डॉलर के वित्तीय क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने, अर्थव्यवस्था के कमजोर होने और युवा बेरोजगारी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के कारण चलाया जा रहा है।

लंदन में चीनी और पूर्वी एशियाई व्यवसाय अध्ययन से जुड़े शिन सुन कहते हैं, ‘ऐसे समय में जब आर्थिक विकास की गति सुस्त रही है और सरकार का समग्र बजट पहले की तरह तेजी से नहीं बढ़ रहा है, देश के भीतर संसाधनों और लाभों को कैसे वितरित किया जाए, यह चीन की सत्ताधारी चाइना कम्युनिस्ट पार्टी की प्रमुख राजनीतिक प्राथमिकता है और वर्तमान अभियान के पीछे सबसे महत्वपूर्ण वजह है।

सुन दावा करते हैं, ‘चीन में असमानता उच्च स्तर पर पहुंच गई है। वित्तीय हाईप्रोफाइल वर्ग के लाभों में कटौती करके पार्टी अब जो करती है, उसका उद्देश्य राजनीतिक स्थिरता के लिए देश के भीतर असमानता को कम करना है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!