
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पर्यावरणीय व अन्य कारणों से अटकी 44 जल विद्युत परियोजनाओं की मंजूरी के लिए दखल की मांग की। उन्होंने पीएम से अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय ऊर्जा और जल संसाधन मंत्रालय की बैठक बुलाकर परियोजनाओं की राह खोलने में सहयोग करें। सीएम ने भारत नेट के दूसरे चरण में योजना का लाभ देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे 600 गांवों को इंटरनेट की सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने माणा समेत सीमांत गांवों के विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना-2 में शामिल करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली स्थित संसद भवन में प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। मुलाकात में उन्होंने सशक्त उत्तराखंड @25 के क्रम में राज्य सरकार के रोडमैप को साझा किया और उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। उन्होंने पीएम को लोहाघाट स्थित मायावती आश्रम आने के लिए भी आमंत्रित किया।
सीएम ने मसूरी में हुए चिंतन शिविर के बारे में बताया कि आगामी पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक तथा दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया गया। राज्य में रोजगार सृजन एवं उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए आर्थिकी को बढ़ाने वाले सेक्टर चिन्हित किए गए। कार्यों को तेजी से बढ़ाने और व्यावहारिक रोडमैप तैयार करने व निवेश को बढ़ाने संबंधी रणनीति, कार्ययोजना आदि मैकेंजी जैसी प्रतिष्ठित एजेंसी को नियोजित किया गया है।
नदियों को जोड़ने के लिए तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग मांगा
सीएम ने पीएम से राज्य की वर्षा पर निर्भर नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़कर सदानीरा बनाने की योजना साझा की। उन्होंने कहा कि इस अभिनव प्रयोग का लाभ राज्य ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत को प्राप्त हो सकता है। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग के बिना संभव नहीं है।
राज्य पर फ्लोटिंग आबादी का दबाव, धन आवंटन में रखा जाए ध्यान
सीएम ने कहा कि चारधाम यात्रा, हरिद्वार में कांवड़ यात्रा सहित अन्य धार्मिक यात्राओं चार से पांच करोड़ फ्लोटिंग जनसंख्या का दबाव राज्य पर है। उन्होंने वित्तीय संसाधनों के आवंटन में इस महत्वपूर्ण तथ्य को ध्यान में रखने का अनुरोध किया।
सीमांत क्षेत्र तक बढ़ाई जाए ऑलवेदर रोड
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑलवेदर रोड का कार्य राज्य में तेजी से चल रहा है। सामरिक दृष्टिकोण से इसे सीमांत क्षेत्र तक बढ़ाने की आवश्यकता है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का निर्माण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा।
रेल परियोजनाओं में हिस्सेदारी वहन करने की शर्त हटे
उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य तथा सीमित संसाधनों के कारण तथा राज्य को रेल परियोजनाओं की लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी वहन करने की शर्त पर छूट आवश्यक है। जिन रेल परियोजनाओं का रेट ऑफ रिटर्न निगेटिव है उनकी भी स्वीकृति इस राज्य के लिए आवश्यक है।
हवाई अड्डों का विस्तार जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक दृष्टिकोण तथा पर्यटन एवं पर्वतीय क्षेत्र की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए नैनी सैनी, गौचर तथा चिन्यालिसौड़ हवाई पट्टियों का विस्तारीकरण एयरपोर्ट के रूप में आवश्यक है। जौलीग्रांट तथा पंतनगर एयरपोर्ट का भी विस्तारीकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के पास स्थित चौखुटिया क्षेत्र में नए एयरपोर्ट व हवाई पट्टी की स्थापना करना आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से आवश्यक होगा।
सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम चाहिए
उन्होंने कहा कि आपदा भूस्खलन, अतिवृष्टि, वनाग्नि, ग्लेशियर खिसकना आदि के दृष्टिगत राज्य को एक सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना की अत्यंत आवश्यकता है।
राज्य में परिवार पहचान पत्र बनेंगे
सीएम ने बताया कि राज्य में परिवार पहचान पत्र तैयार करने का कार्य शुरू किया जा रहा है। इसमें लाभार्थी का चयन निर्धारित मानकों एवं योग्यता के आधार पर ऑटोमेटिक हो जाए।