सड़क भी छोटी पड़ गई आस्था के सामने,भवाली से कैंची पहुंचने में लगे 5 घंटे, नए साल पर 30 हजार से ज्यादा भक्त पहुंचे कैंची धाम

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ए साल के पहले दिन की शुरुआत सैलानियों और स्थानीय लोगों ने मंदिरों में पूजा-अर्चना से की। नया साल मनाने पहुंचे सैलानियों के वाहनों का दबाव जिलेभर की सड़कें नहीं झेल पाईं और जगह-जगह जाम की स्थिति बनी रही। श्रद्धालुओं को भवाली से कैंची धाम तक छह किमी दूरी तय करने में चार घंटे से अधिक का समय लग गया। जाम खुलवाने और यातायात को सुचारु कराने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

बुधवार को कैंची धाम पहुंचे 30,000 से अधिक श्रद्धालुओं की आवाजाही के चलते भवाली से कैंची धाम तक घंटों जाम की स्थिति बनी रही। जाम के चलते श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा। जाम में मरीज को हल्द्वानी ले जा रही एंबुलेंस भी फंसी गई। पुलिस ने किसी तरह वाहनों को किनारे कराकर एंबुलेंस को निकलवाया।

व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस ने श्रद्धालुओं के वाहनों को नैनीबैंड, सेनिटोरियम, भवाली पालिका मैदान और पेट्रोल पंप के पास की पार्किंग स्थलों पर खड़ा कराकर उन्हें शटल सेवा से कैंची धाम भेजा। शटल सेवा को भी मंदिर से पहले ही रोक दिया जा रहा था ताकि मंदिर के पास जाम न लगे। श्रद्धालुओं ने बाबा नीब करौरी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।

इधर, श्रद्धालुओं के अनुमान से अधिक संख्या में पहुंचने से पुलिस की ओर से की गई यातायात व्यवस्था सफल नहीं हो पाई। दोपहर 12 बजे भर गई। मंदिर ट्रस्ट से जुड़े कमलेश उप्रेती ने बताया कि बुधवार सुबह छह बजे से ही श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचने लगे थे, यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।

इधर, भवाली, फरसौली और सेनिटोरियम में जाम लगने से स्थानीय लोग और व्यापारी भी परेशान नजर आए। वहीं, क्वारव सड़क बंद होने से अल्मोड़ा और रानीखेत से हल्द्वानी जाने वाले वाहनों को खैरना से वाया क्वारब से रामगढ़-नधुवाखान होते हुए भवाली की ओर भेजा गया।

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इसके चलते यात्रियों को 100 किमी का अतिरिक्त सफर तय करने के साथ ही 150 से 200 रुपये का अतिरिक्त किराया देने को मजबूर होना पड़ा। सड़क पर यातायात डायवर्ट होने और वाहनों के बढ़ते दबाव के कारण रानीखेत-स्टेट हाईवे पर खैरना से भुजान तक डेढ़ से दो किमी तक वाहनों की लंबी कतार लगी रही। जाम खुलवाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

 

रानीबाग-भीमताल रोड पर लगा छह किलोमीटर लंबा जाम, यात्री हलकान
नए साल के पहले दिन मैदान से पहाड़ को आने जाने वाले यात्रियों व सैलानियों को रानीबाग-भीमताल रोड पर घंटों तक जाम से जूझना पड़ा। दोपहर बाद सड़क पर यातायात का दबाव इतना बढ़ा कि काठगोदाम से सूड़ी (चंदादेवी) तक लगभग छह किलोमीटर लंबा जाम लग गया। देर शाम तक इस रोड पर वाहन रैंगते रहे। जाम के चलते पहाड़ के आने जाने वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

मंगलवार को बड़ी संख्या में सैलानी थर्टी फस्ट मनाने के लिए भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल, भवाली, मुक्तेश्वर, कैंची धाम आदि क्षेत्रों में पहुंचे थे। इनमें से कई लोग बुधवार को वापस लौटे जबकि कई नए सैलानी हल्द्वानी से पहाड़ की ओर को रवाना हुए। भीमताल रानीबाग रोड पर दोपहर एक बजे तक यातायात का दबाव सामान्य था लिहाजा वाहनों की आवाजाही सुचारू बनी रही लेकिन दो बजे के बाद भीमताल से हल्द्वानी की ओर आने वाले और हल्द्वानी से भीमताल की ओर जाने वाले वाहनों की संख्या में एकाएक इजाफा हो गया।

जिसके चलते काठगोदाम से लेकर चंदादेवी के ऊपर स्थित सूडी गांव तक जाम लग गया और सड़क के दोनों ओर पांच से छह किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई। अलग अलग स्थानों पर मौजूद पुलिस के जवानों को जाम खुलवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। शाम छह बजे तक काठगोदाम से ऊपर रानीबाग व चंदादेवी तक वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी।

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40 मिनट का सफर तय करने में लग गए दो से ढाई घंटे
भीमताल से हल्द्वानी तक का 23 किलोमीटर सफर तय करने में औसतन 40 से 50 मिनट लगते हैं। लेकिन बुधवार को काठगोदाम से ऊपर की ओर जाम लगा होने के कारण यात्रियों व सैलानियों को भीमताल से हल्द्वानी तक का सफर तय करने में दो से ढाई घंटे तक लग गए।


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