राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक रविवार से शुरू हुई। इससे पहले राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को किए गए निरीक्षण व समीक्षा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राम मंदिर का संपूर्ण काम 15 मई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के प्रथम तल पर गर्भगृह में राम दरबार की स्थापना होनी है। गर्भगृह के ऊपर शिला पर शिव की पूजा करते राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी।
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मशहूर मूर्तिकार वासुदेव कामत भी अयोध्या पहुंचे हैं। रामेश्वरम में भगवान राम की ओर से शिव के पूजन की एक कलाकृति भगवान के प्रथम तल के गर्भगृह के ऊपर लगाई जानी है, जो लगभग बनकर तैयार है। उसका परीक्षण किया गया है। उनकी स्वीकृति अब कलाकृति को लगाने के लिए मिल गई है। यह उत्तर व दक्षिण के समन्वय का आधार बनेगी। परकोटा में बनाए गए म्यूरल आर्ट का भी वासुदेव कामत ने निरीक्षण किया है।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर के पूर्वी प्रवेश द्वार पर 500 वर्षों के मंदिर के इतिहास को लगाया गया था। जहां पर श्रद्धालुओं को पढ़ने में असुविधा हो रही थी क्योंकि वहां रुकने नहीं दिया जाता है। इसलिए अब यात्री सुविधा केंद्र पर राम मंदिर के 500 वर्षों के संघर्ष को पीतल की प्लेट पर दर्शाते हुए लगाया गया है। उन्होंने कहा कि मंदिर की भव्यता और उसकी आभा को बढ़ाते हुए लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी। इस तरीके की लाइटिंग नहीं की जाएगी कि जिससे मंदिर पिकनिक स्पॉट की तर्ज पर नजर आए।
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अंतिम चरण में शिखर निर्माण का कार्य
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि 15 मई तक राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा। शिखर के निर्माण का क्रम आखिरी दौर में है। अब कलश लगाने का काम शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही मंदिर के ऊपर आकाशीय बिजली से बचने के लिए तड़ित चालक और ध्वज दंड लगाया जाएगा और इसके साथ ही हवाई जहाज के लिए एविएशन लाइट लगा करके 15 मई तक तैयार हो जाएगा।