आखिरकार प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने आज इस्तीफा दे ही दिया। शक्तिशाली राजपक्षे कुनबे के 76 वर्षीय पितामह महिंदा राजपक्षे को कभी ऐसे शख्स के रूप में जाना जाता था जो हर स्थिति से निपटने में सक्षम थे। लेकिन इस द्वीप राष्ट्र में अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल से शुरू हुआ अभूतपूर्व सरकार विरोधी अभियान एक सुनामी बन गया। उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। राष्ट्रपति गोटबाया और प्रधानमंत्री महिंदा के इस्तीफे की मांग को लेकर 9 अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हुए हैं।
देश में लगा राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू
बढ़ते दबाव के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अप्रैल के मध्य में अपने बड़े भाई चमल और सबसे बड़े भतीजे नमल को मंत्रिमंडल से हटा दिया था। हालांकि, प्रधानमंत्री महिंदा इस्तीफा देने को राजी नहीं थे, यहां तक कि कर्ज में डूबे देश को चलाने में दोनों भाइयों के बीच अनबन की खबरें भी सामने आईं। महिंदा के इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए। इसके कारण अधिकारियों को राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाने और राजधानी में सेना के जवानों को तैनात करने पर मजबूर होना पड़ा।